चरागाह भूमि के अतिक्रमियों को तीन माह के सिविल कारावास की सजा
महवा (दौसा, राजस्थान/ अवधेश कुमार अवस्थी) न्यायालय तहसीलदार महवा द्वारा सरकारी चरागाह भूमि पर बार बार अतिक्रमण करने वाले 7 अतिक्रमियों को 3 माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई गयी है।
महुआ तहसीलदार अभिषेक यादव ने बताया कि बुद्धा पुत्र बालू जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह भूमि पर फसल काश्त करने,समय सिंह पुत्र किशनलाल जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह में फसल काश्त करने और बाउंड्रीवॉल बनाने,हज़ारी पुत्र रेवड्या जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह में फसल काश्त करने,यादराम पुत्र रेवड्या जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह में फसल काश्त करने,जगदीश,सुरेश पुत्र किशनलाल जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह में फसल काश्त करने,कैलाश पुत्र रामधन जाति माली निवासी अंछापुरा को चारागाह में लेटबाथ बनाने और क़ब्ज़ा करने के मामले में एलआर ऐक्ट 1956 की धारा 91 के अंतर्गत पटवारी के अतिक्रमण की रिपोर्ट किए जाने पर नोटिस जारी किए गए थे और स्पष्टीकरण पेश करने को कहा गया था।किंतु उसके बावजूद उक्त अतिक्रमियों द्वारा अतिक्रमण नही हटाया गया।पटवार हल्का हड़िया ने अपने बयानों में बताया कि उक्त व्यक्तियों द्वारा पूर्व में भी चारागाह भूमि पर अतिक्रमण किया गया था।अतिक्रमी बार बार अतिक्रमण के आदी है जो पश्चातवर्ती श्रेणी में आता है।इसकी पुष्टि पूर्व बेदख़ली रिपोर्ट से होती है।चारागाह भूमि पर अतिक्रमियों का कोई अधिकार या टाइटल सिद्ध नहीं होता।तहसीलदार अभिषेक यादव ने बताया कि बार बार नोटिस दिए जाने और अतिक्रमण हटाने के लिए कहे जाने के बावजूद अतिक्रमण न हटाने पर अतिक्रमियों को तीन माह के सिविल कारावास की सजा और खड़ी फसल को नीलाम किए जाने के आदेश दिए गये हैं।पटवार हल्का एवं भूअभिलेख निरीक्षक को अतिक्रमियों को भौतिक रूप से बेदख़ली करने और थाना अधिकारी महवा को अतिक्रमियों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वॉरंट जारी करने का निर्णय पारित किया गया है।