यह कैसी विडंबना है, आखिर गौमाता पर कब तक होगा अत्याचार
गाय प्राचीन समय में पूजी जाती थी, गोदान सर्वश्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण दान माना जाता था। आज गाय प्यास से तड़पती हुई गंदी नालियों के गंदे कीचड़ का पानी में मुंह मारती है और पानी पीने की कोशिश करती है लेकिन उसके वह गंदा पानी भी नसीब नहीं होता।
नारायणपुर अलवर
नारायणपुर । कोविड-19 महामारी के चलते बेजुबान जानवरों एवं पशुओ के लिए संकट खड़ा हो गया है। एक और गौ माताओं को प्राचीन समय में देवी-देवताओं के समान मानकर पूजा अर्चना की जाती थी, उनको शुद्ध पानी पिलाया जाता था, घर में पहली बनाई हुई रोटी देकर पुण्य कार्य किया जाता है, लेकिन वर्तमान में उन्हीं गौ माताओं की दशा देखकर ऐसा लगता है कि यह कैसी विडंबना है जो गाय प्राचीन समय में पूजी जाती थी, गोदान सर्वश्रेष्ठ एवं महत्वपूर्ण दान माना जाता था। आज गाय प्यास से तड़पती हुई गंदी नालियों के गंदे कीचड़ का पानी में मुंह मारती है और पानी पीने की कोशिश करती है लेकिन उसके वह गंदा पानी भी नसीब नहीं होता। गर्मियों के मौसम में खेत खलियानो एवं आसपास के क्षेत्रों में न तो कोई हरीदूब है और ना ही कोई चारा मिलता है जिसके कारण भूख से तड़पती रहती है। कभी-कभार यदि किसी के ज्वार के खेत में या लोगों के पशुओं के साथ चारा चरने लगती है तो उसके ऊपर कहर ढाया जाता है। जानकारी के अनुसार देखने में मिलता है कि सांड एवं गायों के नाक में लौहे के तार की नकेल डाल कर, उनकी पूछ को जलाकर, शरीर पर विभिन्न प्रकार से चोट पहुंचाकर यातना दी जाती है जिससे सांड और गाय इस भयंकर पीड़ा से कराहते हुए तड़पते रहते है। गाय एवं सांडों पर लगने वाली चोट एवं घाव पर कीड़े पड़ जाते हैं एवं उनका उपचार न होने की स्थिति में पूरे शरीर में कीड़े फैल जाते हैं और इस बेजुबान मूक प्राणी को मरने के लिए मजबूर कर देते हैं। इस प्रकार इन की जीवन लीला समाप्त हो जाती है। ऐसे मूक बेजुबान प्राणियों की दयनीय दशा को देखकर संवाददाता सुनील कुमार शर्मा ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम अलवर रामचरण शर्मा को फोन के द्वारा अवगत कराया।
इनका कहना
अतिरिक्त जिला कलेक्टर प्रथम अलवर रामचरण शर्मा ने बताया कि हम बेजुबान जानवरों के लिए पानी की एवं चारे की व्यवस्था करवाते हैं पूर्व में सरिस्का क्षेत्र में भी व्यवस्था करवाई थी। राज्य सरकार के द्वारा गौशालाओं के माध्यम से सहायता की जाती है। यदि आपके क्षेत्र में ऐसी समस्या है तो मैं प्रशासन या भामाशाहो के द्वारा चारे एवं पानी की व्यवस्था करवाता हूं।
सुनील कुमार शर्मा की रिपोर्ट