रैणी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर प्रसव पीड़ा को लेकर महिलाऐं हो रही परेशान, महिला चिकित्सक ने नही की अभी तक ज्वांइनिग
महिलाऐं अपना प्रसव पुरूष चिकित्सकों से कराने पर मजबूर , राजस्थान सरकार सहित स्वास्थय विभाग के अफसरों पर महिला चिकित्सक की ज्वांनिग को लेकर खड़े हो रहे सवाल
रैणी(अलवर)- अलवर जिलें के रैणी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर महिला चिकित्सक की ज्वांनिग को लेकर स्वास्थय विभाग के आला अधिकारीयों सहित चिकित्सा मंत्री एवं राजस्थान सरकार पर जनता की और से कई सवाल खड़े हो रहे हैं की आखिर इतना समय बीत जाने के बाद भी महिला चिकित्सक की ज्वांनिग क्यों नही हो पायी महिला चिकित्सक द्वारा सरकारी आदेशो की अवमानना करने के बावजूद भी महिला चिकित्सक पर कार्यवाही क्यों नही हो पाई, राजस्थान सरकार महिला चिकित्सक की ज्वांनिग कराने को लेकर लापरवाह क्यों बनी हुई है या फिर महिला चिकित्सक के आगे राजस्थान सरकार ने अपने घुटने टेक दिये हैं जो महिला चिकित्सक सरकारी आदेशों की पालना नही करते हुए आदेशों की धज्जियां उड़ाकर ताक पर रख दिये हैं या फिर सरकारी कागजी आशों को कूड़ा करकट समझकर डस्टबीन में डाल दिया हैं आखिर यह समझ नही आ रहा की सरकार एक महिला चिकित्सक के आगे इतनी लाचार और मजबूर क्यों हैं हम आपको बता दे की रैणी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर कई महिनों पहले जारी किये गये राजस्थान सरकार द्वारा सरकारी लिस्ट में आदेशों के अनुसार महिला चिकित्सक डाँ सोनिका चंद्रा की नियुक्ति रैणी स्वास्थय केंद्र पर की गई लेकिन वर्तमान समय तक भी महिला चिकित्सक ने अपनी सरकारी नौकरी तथा जिम्मेंदारी को ना समझते हुए सरकारी आदेशों की अवमानना कर आदेशों को ताक पर रख दिया और ज्वांनिग तक नही की गई महिला चिकित्सक को लेकर रैणी कस्बा सहित जागरूक युवाओं तथा आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता द्वारा शासन और प्रशासन को कई बार मौखिक, लिखित पत्र, एवं शोसल मिडियां द्वारा महिला चिकित्सक की मांग की गई थी लेकिन महिला चिकित्सक की मांग को बार बार अनदेखा किया जा रहा हैं स्थानिय जिम्मेंदार अधिकारीयों को कई बार ज्ञापन भी दिया जा चुका हैं लेकिन समस्या ज्यों की त्यों दिखाई दे रही हैं वही दूसरी और स्वास्थय केंद्र पर महिला चिकित्सक के ना होने की स्थति में प्रसव पीड़ा के दौरान महिलाओं को बड़ी मुशिबतों और परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं रैणी का सामुदायिक स्वास्थय केंद्र तहसील की 26 ग्राम पंचायतों में सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल हैं जिसमें प्रसव पीड़ा के दौरान मिलने वाली उपचार सुविधा के नाम पर बिल्कुल जीरो हैं क्यों की ग्रामीण स्तर पर अधिकतर लोग यहाँ किसान परिवार से हैं और ज्यादातर वही लोग अपने परिवार की महिलाओं को प्रसव पीड़ा को लेकर अपने नजदीकी रैणी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर पहुंचते हैं लेकिन पहुंचने के बाद उन्हे पता चलता की यहाँ महिला चिकित्सक है ही नही इस स्थति में या तो उस प्रसव पीड़ा महिला को राजगढ़ या अलवर के लिए रैफर कर दिया जाता है या फिर मजबूरन अपना प्रसव पुरूष चिकित्सक के द्वारा उपचार मिल पाता हैं क्यों की यहाँ महिला चिकित्सक का अभाव हैं यह चिकित्सा विभाग के जिम्मेंदार अफसरों एवं राजस्थान सरकार के लिए बेहद शर्म की बात हैं जहाँ महिलाऐं अपनी प्रसव पीड़ा पुरूष चिकित्सकों से करवाने पर मजबूर हो रही हैं एसे जिम्मेंदार अफसरों के लिए शर्म की बात होनी चाहिये की इनके पास पाँवर होते हुए भी एक महिला चिकित्सक को ज्वांनिग तक कराने में असमर्थ दिखाई पड़ रहे हैं।
योगेश गोयल की विशेष रिपोर्ट