योग गुरु बाबा रामदेव के सानिध्य में 108 कुण्डीय महायज्ञ हुआ सम्पन्न
अलवर (राजस्थान) बहरोड़ में स्वामी रामदेव की अंतिम आहुति के साथ सम्पन्न हुआ गौशाला रिवाला धाम मन्दिर मलपुरा में 10 मार्च से शुरू हुआ 108 कुण्डीय संकट मोचन महायज्ञ। स्वामी रामदेव के सानिध्य में कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सांसद जयपुर ग्रामीण सीकर सांसद सुभेदानन्द, डा. कृष्णपाल सिंह यादव संासद गुना मध्यप्रदेश, केन्द्रिय मंत्री सोमनाथ प्रकाश, अलवर सांसद महन्त बालकनाथ, फग्गन सिंह कुलस्ते केन्द्रिय मंत्री ने भी आयोजन स्थल पर पहूॅच कर गायत्री मं़त्रोच्चारण के साथ आहुति दी। महायज्ञ के समापन के बाद स्वामी रामदेव, महन्त बालकनाथ और धाम के महन्त स्वामी गणेशानन्द ने गुरूकुल की नींव रखी। धाम के महन्त गणेशानन्द स्वामी ने बताया कि गौशाला रिवाला धाम मन्दिर मलपुरा कोटपूतली में 10 मार्च से 14 मार्च तक संकट मोचन महायज्ञ में 108 कुण्डीय महायज्ञ का आयोजन किया गया है। जिसमें 25 क्विंटल देशी गाय के घी से 11 लाख आहुति दी गई। इसमें देशी जड़ी बूटीयों का भी प्रयोग किया गया। धाम के महन्त स्वामी गणेशानन्द ने बताया कि प्राकृतिक संतुलन को बनाये रखने के लिए हमारे प्राचीन ऋषियों ने ये परंपरा विकसित की थी। भगवान श्री कृष्ण ने गीता में भी कहा है कि सारी श्रष्टि की उत्पति अन्न से होती है और अन्न बारिश से होता है एवं बारिश यज्ञ से होती है। यज्ञ का मतलब है हम अपनी नेक कमाई में से सर्वकल्याण के लिए जो दान देते हैं वही यज्ञ है। अग्नि में आहुति देना दान का एक प्रतिकात्मक स्वरूप है। ये प्रतिकात्मक स्वरूप प्राचीन काल से चला आ रहा है। अग्नि को आधार मानकर हम सारे काम करते आ रहे है। भोजन बनाकर सबसे पहले अग्नि को भोग लगाते हैं। विवाह-शादी में अग्नि को प्रज्जवलित कर उसकी परीक्रमा की जाती है। हमने सदा प्रकाश की उपासना की है ये ही सबका भाव है। इसलिए 108 कुण्डीय महयज्ञ से हमारे द्वारा वातावरण को शुद्ध, लोगों के विचारधारा शुद्ध, आहार शुद्ध, जल शुद्ध, वायु शुद्ध करने के लिए किया गया है।
स्वामी रामदेव ने कहा कि
स्वामी रामदेव ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि इस रिवाला तीर्थ धाम में संस्कारों से जो महायज्ञ किया है इससे अब महा तीर्थ बन गया है। साथ किसान आंदोलन पर कहा कि आंदालनों की अपनी भुमिका है। किसी भी बात का समाधान संवाद से, परस्पर सहयोग से बन पड़ता है। जिसके लिए मोदी सरकार ने कह दिया है कि दो-तीन साल तक इस कानून को निरस्त कर देता हूॅ और मिल बैठ करके गिला सिकवा खतम करके आगे बढते है। मै आश्वस्त हूॅ कि जल्दी ही आंदोलन खत्म हो जायेगा। राजनीति में प्रदूषण पर कहा कि घर दूषण और प्रदूषण सदा से थे, हैं और रहेंगे। समाज और सत्ता में आधिपत्य सत्य का होना चाहिए। शुद्धिकरण की तो निरंतर और सतत प्रक्रिया है।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि यहाॅ बहुत बड़ी गौशाला बनी हुई है और जल्दी ही गुरूकुल बनने वाला है। जिसमें युवा और बच्चों को अच्छा मार्गदर्शन मिलेगा। भविष्य के लिए अच्छी शिक्षा मिलेगी। एक अच्छा इंसान बनने का रास्ता हमें मिलेगा। साथ किसान आंदोलन को लेकर कहा कि जो भी किसान की चिन्ता करता है या जो आंदोलन कर रहा है उनकों कानून पढना चाहिए। किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए। अब तक सब कुछ सचमुच अच्छा हो रहा होता तो किसान आत्म हत्या नहीं करता। किसानों के घर में खुशहाली होती। इसलिए कानून में बदलाव जरूरी है। कानून में भी जबरदस्ती नहीं की गई है कि सब को ये कानून मानना ही है।