फूलों के हार की गुरलां में बम्पर पैदावार। गुरला के फलों की दूर- दुर तक मांग
नवरात्रा व दीपावली और अन्य त्यौहारों पर हुए व्यवसाय से चलता हैं घर परिवार
गुरला (भीलवाड़ा/ बद्रीलाल माली) राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 758 पर स्थित गुरलां कस्बा सबसे सम्पन्न कस्बे के नाम से जाना जाता हैं। यहां वर्ष पर्यंत हर वार तीज त्यौहारों पर पूजा अर्चना करने के काम में आने वाले कई किश्मों के फूल यहां पर बम्पर स्तर पर पैदा किये जाते हैं। जिससे जिले के साथ ही साथ राजस्थान व आसपास के अन्य राज्यों में भी गुरलां के फूलों की मांग रहती हैं। यहां के किसानों की किश्मत बहुत अच्छी हैं कि इनकी खेती के लिए यहां राजमार्ग पर गुरलां कस्बे से बाहर रणजीत सागर नाम से विशाल तालाब बना हुआ हैं जो इंद्रदेव की कृपा के साथ ही साथ मातृकुंडिया नहर के पानी से हर वर्ष लबालब होकर छलक जाता हैं। जिससे यहां के किसानों को वर्षपर्यंत खेती के लिए समुचित पानी मिलता रहता हैं। इस पानी से फूल व फल की खेती के साथ ही साथ रबी व खरीफ की फसलों की भी यहाँ बम्पर पैदावार होती हैं नतीजन यह कस्बा अन्य कस्बों से अधिक अच्छी पैदावार करता आया हैं।
गुरला संवाददाता बद्री लाल माली ने बताया कि अच्छी व उन्नत किश्म के फूलों के बीज मध्यप्रदेश के रतलाम व अजमेर तीर्थराज पुष्कर से महंगे भाव में मंगवाकर उनका रोपण कर पैदावार ली जाती हैं। जिसको नवरात्रा व दीपावली के साथ ही अन्य तीज त्योहारों पर खुदरा व थोक के भावों में बेचे जाते हैं।
पीन्टु लाल श्याम लाल माली बताते हैं कि शारदीय नवरात्रा व उसके बाद दीपावली के पर्व पर हर साल की तरह इस वर्ष भी फूलों की बम्पर पैदावार हुई हैं। खास बात ये हैं कि इन हजारे के फूल को गुरलाँ के सभी किसान बुआई करतें हैं और त्यौहार के दौरान मजदूरों द्वारा फूलों को तुड़वाने व माला बनवाने का काम भी युद्धस्तर पर किया जा रहा हैं। माली परिवार के साथ अन्य मजदूरों द्वारा तैयार फूलों की ये मालाएं दीपावली पर भीलवाड़ा जिले के अलावा अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कांकरोली, नाथद्वारा के अलावा आसपास के राज्यो के व्यापारी भी यहां आकर ले जाते हैं। लक्ष्मण लाल माली ने बताया कि हजारे के साथ ही गुरलां में गुलाब की खेती भी बम्पर स्तर पर की जाती हैं इन गुलाब के फूलों को भीलवाड़ा कृषि मंडी, सुचना केंद्र चौराहा व सुबह की सब्जी मंडी जैसी जगहों पर ले जाकर प्रति कीलों के भाव से बेचे जाते हैं।
मध्यप्रदेश रतलाम निवासी निखिल महेता सुनिल पाठक अंकीत प्रजापति ने बताया कि हमारी फर्म पिछले 32 वर्षों से निरंतर नई नई किस्मे विदेशो से आयात करती आई हैं हमारा माल न्यूजीलैंड, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, कोरिया से आता है एवम इस माल की सप्लाय हम पूरे भारत अनेक राज्य जैसे - महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान गुजरात, पंजाब, जम्मूकश्मीर तक जा रहा हैं । हम गेंदे में उच्च हाइब्रिड किस्म की नई नई प्रजाति हर वर्ष किसानों के लिए देते रहते हैं इस वर्ष सबसे ज्यादा अच्छा उत्पादन एवम बीमारी के प्रति सहनशील जिनाया सीड्स का भीम येलो प्लस एवम बूस्टर येलो किसानों की पहली पसंद बना हुआ हैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा फुल गुरला में होते हैं