आहार विहार का सलीका और जीने का तरीका सीखता है आयुर्वेद -डॉ.कुमावत
उदयपुरवाटी (झुञ्झुनु, राजस्थान/ सुमेर सिंह राव) निकटवर्ती ग्राम झाझड़ के गोठड़ा मोड़ पर स्थित सूर्या नर्सरी के समीप शुक्रवार को संतो के सानिध्य में सूर्या आयुर्वेदिक स्वदेशी स्टोर का शुभारंभ श्री श्री 108 ओम दास जी महाराज,जिला षडदर्शन अखाड़ा मंडल अध्यक्ष गणेश चैतन्य महाराज व केशव दास जी के द्वारा फीता काटकर किया गया।इस दौरान मौके पर ही आइएमसी कंपनी के आए अधिकारियों सहित यहां के प्रो.सुनील सैनी द्वारा महाराज श्री का माल्यार्पण कर शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया।साथ ही शुभारंभ के दौरानअतिथियों के साथ डॉक्टर राजेंद्र कुमावत का भी सम्मान आइएमसी द्वारा किया गया। उद्धघाटन समारोह में आए उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए औषधालय उदयपुरवाटी में कार्यरत डॉ राजेंद्र कुमावत ने आयुर्वेद विषय पर बोलते हुए बताया की आयुर्वेद इलाज ही नहीं करती अपितु जीवन जीने का तरीका भी सिखाती है।आहार विहार व दैनिक चर्या का पालना आयुर्वेद में बताए गए नियमों के अनुसार किया जाए तो शतायु उम्र जी सकते हैं।उन्होंने कहा प्राचीन काल से आयुर्वेद भारत की परंपरा और जीवन शैली का हिस्सा रहा है।दूसरी तरफ देखा जाए तो अब कोराना के बाद लोगों का रुझान आयुर्वेद की ओर अधिक बढ़ा है,शायद यही कारण है की आजकल लोग आयुर्वेद के मुरीद बनते जा रहें हैं।उन्होंने यह भी बताया की अज्ञानता की ओट में आयुर्वेद का समुचित प्रयोग आज भी भली प्रकार नहीं ले पा रहे हो,पर बताए गए नियमों का पालन कर,आयुर्वेद में दर्शाए निर्देशों को मानकर इस आपाधापी के युग में भी अपनी बिगड़ी हुई जीवन शैली को सुधार सकते हैं और आयुर्वेद की बिना दुष्प्रभाव की ओषधियो को अपने जीवन में अपनाकर स्वस्थ जीवन जी सकते है,बसआवश्यकता है तो सिर्फ अपने शरीर के लिए आज से ही कुछ समय निकालने की और नियमित रूप से योग प्राणायाम व अनुलोम विलोम व व्यायाम करने की।सनद रहे की दादी नानी के नुस्खों से निकलकर आज आयुर्वेद इंटरनेट पर अपने निरापद गुणों के कारण जा पहुंचा है,और निरंतर नए आयाम स्थापित कर रहा है।देखने में तो यह भी आया है की आज चहूं ओर अनेक कंपनिया में आयुर्वेद के प्रोडक्ट बनाने की होड़ सी लगी हुई है।तनाव मुक्ति और सौंदर्य प्रसाधन में भी इसकी दवाइयां कारगर है,इसलिएअपनी काया को कंचन बनाने के लिए व सदैव स्वस्थ बने रहने के लिएआयुर्वेद को अपने जीवन में महत्व जरूर देना चाहिए,अपने दिन की शुरुआत रोज आयुर्वेद से ही करनी चाहिए।भले ही लोग आयुर्वेद को एक पुरानी चिकित्सा पद्धति मानते रहे हो पर अब देश की उम्मीद आयुर्वेद पर टिकी है और कई देश आयुर्वेद को अपना भी रहे है।इससे अंदाज इस बात का लगाया जा सकता है की अब आयुर्वेद भविष्य की पैथी बनेगी और मुख्यधारा में शीघ्र ही जुड़ेगी।इस बात को सब जानते हैं और मानते है की योग गुरु बाबा रामदेव ने आयुर्वेद को एक खोया सम्मान दिलाया है तो माननीय मोदी जी ने योग का परचम विश्व में फहराया है तो हमे भी आयुर्वेद की उपयोगिता को अब समझना ही चाहिए,जीवन में महत्व देना चाहिए। संतो के सानिध्य में संपन हुए इस समारोह में बाबूलाल सैनी,सुरेंद्र सैनी पूर्वचेयरमैन नगरपालिका नवलगढ़, यशपाल सेनआईएमसी सुजानगढ़, विजयपाल सेन आईएमसी चेयरमैन, रतनसिंह शेखावत शिक्षाविद,शैलेंद्र मोदी,बाबूलाल सैनी,अजय सिंह, पूर्व सरपंच झाझड,अर्जुन सरपंच गोठडा, कामेश्वर सैनी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।