इसे इतेफाक कहे या संयोग.......
उदयपुरवाटी (झुंझुनूं, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) बात जरूर दो सप्ताह पुरानी है 25 जून को मैं कुछ नया करने की सोच ही रहा था की मेरे दिमाग में एक ख्याल आया की इस बार का जन्म दिन नए सेवा संकल्प के साथ मनाऊंगा तो इस बीच ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मेरे पास झुंझुनूं से फोन आया की हम आपके पास आ रहे हैं कुछ नई सोच के साथ, तो मैने भी उत्साह पूर्वक हां कह दिया और उन मोजीज मेहमानों का स्वागत करने जब मैं उदयपुरवाटी पहुंचा तो मैने देखा उनके हाथों में एक गुड़हल का बड़ा सा पौधा था और रंग बिरंगे रैपर में लपटा हुआ एक कैक भी।बड़े उत्साह से हमने सबसे पहले मेरी कर्मस्थली (औषधालय) पर वो पौधा लगायाऔर बाद में सेवा कार्यों पर चर्चा करते हुए कुछ नया करने का नूतन शगल उठाया।इस बीच ही महावीर इंटरनेशनल के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम सुंदर जालान,जोनल चेयरमैन नागरमल जांगिड़ व उनके साथ में आई गोपालपुरा सेवा केंद्र की वीरा सुनिला चौधरी की गरिमामय उपस्तिथि में मैने जन्म दिन का कैक काटा,और जन्मदिन पर ही सेवा के लिए कृत संकल्प होते हुए महावीर इंटरनेशनल से जुड़कर सेवा करने की ठानी।उनके निर्देशानुसार मैने अपनी टीम बनाई और आवश्यक खाना पूर्ति कर अप्रूवल के लिए फॉर्म्स भरकर भेजे गए।इसे इतफाक कहे या सयोंग की 4 जुलाई महावीर इंटरनेशनल के स्थापना दिवस के मौके पर ही मेरे को भी सेवा केंद्र संचालन की अनुमति मिली है, जो बेहद ही खुशी की बात है।इतना ही नहीं इसके अगले ही दिन मेरे प्लॉट की रजिस्ट्री भी हुई जो काफी दिनों से इन्तजार में थी।रजिस्ट्री करवाने से पहले मैने गऊ माता की भी सेवा की और चारे के लिए ग्यारह हजार रुपए भिजवाए।कहते है जिनकी सोच अच्छी होती है उनके काम भी अच्छे बनते चले जाते हैं कुछ ऐसा ही मेरे मन को अहसास हुआ।मेरे इस जन्म दिन पर मानो मुझे गुड़हल के रूप में एक गुलफाम मिला हो,जो मुझे कई सौगात से नवाजा,साथ ही सेवा के लिए उनके संग हौसला बुलंद करवाया।अब शीघ्र ही सेवा केंद्र का संचालन शपथ ग्रहण के बाद चिराना में होगा जिसके तहत कई सामाजिक सरोकार सरीखे व आमजन सेवा के कार्यों का निष्पादन सेवा केंद्र के माध्यम से होगें।
इस दौरान विकास कुमावत,मदनलाल सैनी ठेकेदार,इकबाल भाई,ममता भोंकल,रवि आदि उपस्थित थे।