प्रशासनिक अधिकारियों और खनिज वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के कारण घाटरी जोन में उजडते पहाड़: गायब होती हरियाली
विस्फोटक सामग्री से किया जा रहा है खनन का कार्य
वैर (भरतपुर,राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) वैर भुसावर उपखंड के घाटरी व मंसापुर जोन में क्षेत्र के प्रशासन, खनिज व वन विभाग आदि की अरावली पर्वतमाला के पहाड़-पहाड़ियां आए दिन उजड़ रहे हैं। क्षेत्र की हरियाली धीरे-धीरे गायब हो रही है। जंगली जानवर एव पक्षी भी अपने प्राणों की रक्षा करने के लिए अन्य जंगलों की ओर पलायन कर गए। वन व खनन माफियाओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं होने से उनके हौसले बुलंद हैं।ये खनन माफिया सरकारी नियमों की अवहेलना कर अवैध तरीके से पहाड़ों की खुदाई करवा रहे हैं। पहाड़ों में बारूद के ब्लास्ट करके लोगों की नींद हराम और वन्यजीव की हत्या कर रहे हैं। बारूद के ब्लास्टों से लोगों के घरों में दरारे आ गई है। क्षेत्र के लोगों के द्वारा अवैध खनन एव आबादी क्षेत्र के निकट बारूद की ब्लास्टो की रोकथाम और मानव, वन्यजीव व हरियाली एवं खेतों की फसल बचाने के लिए स्थानीय निवासीयों द्वारा लंबे समय से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रशासन से मांग की जा रही है।
क्षेत्रीय सांसद एवं विधायक भी अवैध खनन के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं करवाना चाहते। अवैध खनन एवं बारूद विस्फोट से क्षेत्र में आए दिन अनेक घटनाएं घटती रहती हैं। वर्ष 1990 से अब तक क़रीब 100 से अधिक लोग खनन कार्य से अपने प्राण गंवा चुके हैं।गांव मंसापुरा के कमल सिंह ,रामकिशोर ने बताया कि घाटरी-मंसापुरा क्रेशर जोन के नाम से विख्यात है। इस जोन क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक क्रेसर लगी हुई हैं। जिनमें से कई क्रेशर अवैध रूप से संचालित हैं। इस व्यवसाय से जुड़े लोग दिनदहाड़े अरावली पर्वतमाला और अन्य पहाड़ियों की खुदाई कर रहे हैं और साथ ही वन संपदा को नष्ट करने में जुटे हैं। गांव कोटकी, मंसापुर, नयागांव खालसा, घाटरी, सुहारी, भुसावर, निठार, कारवान, सीता आदि में अवैध खनन जारी है। इस बारे में जब रेंजर लाखन सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि अवैध खनन पर कार्यवाही जारी है अगर कोई वन क्षेत्र में अवैध खनन करने की जानकारी मिलेगी तो अवैध खनन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।