आदिबद्री और कंकाचल पर्वत अगर संरक्षित नही किया गया तो: 13 मार्च से क्रमिक अनशनऔर 25 मार्च से शुरू होगा आमरण अनशन - ब्रजदास
मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री के आदेश की उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण -साध्वी आराधना
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत पर हो रहे भीषण खनन के विरोध में जारी धरने के 406 वे दिन शुक्रवार को साधु संतों व ब्रजवासियों द्वारा इन दोनों पर्वतों के अविलंब संरक्षण के लिए निकाली जा रही 14 कोसीय आदिबद्री पर्वत की परिक्रमा पदयात्रा केदारनाथ धाम पहुंची। जहां सभी पदयात्रियों, ब्रजवासियों व साधु-संतों ने भगवान केदारनाथ का अभिषेक और अर्चना कर राज्य सरकार को सद्बुद्धि प्राप्त हो एवं दोनों पर्वत शीघ्रताशीघ्र खनन से मुक्त हो इसके लिए अरदास की।
केदारनाथ पहुंचने पर संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने उपस्थित सभी पदयात्रियों व ग्रामवासियों को ब्रजभूमि की संस्कृति, पर्यावरण, पौराणिक संपदा एवं पर्वत के रक्षण के लिए हर तरह के संघर्ष के लिए तैयार रहने का संकल्प दिलवाया, शुक्रवार को तीसरे दिन ग्राम डाबक से प्रारंभ होकर परिक्रमा यात्रा कैथवाडा, धर्मशाला, इकलेरा, बाडबंडोर होते हुए अपने पड़ाव स्थल केदारनाथ पहुंची ।
कैथवाडा पहुंचने पर ग्रामवासियों ने सभी यात्रियों का विभिन्न प्रकार के व्यंजन खिलाकर भावपूर्ण स्वागत किया एवं ब्रज की संस्कृति, पर्यावरण व पर्वतों के संरक्षण के लिए हर प्रकार से तत्पर रहने की शपथ ली। कैथवाडा में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए साध्वी आराधना ने सरकार के मंत्रियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश की इस प्रकार उपेक्षा करना सर्वथा दुर्भाग्यपूर्ण है।
परिक्रमा यात्रा के गांव धर्मशाला पहुंचने ग्रामवासियों ने सभी प्रमुख यात्रियों को साफा पहनाकर स्वागत किया । इस अवसर पर आयोजित सभा में संरक्षण समिति के महासचिव ब्रजदास ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री के आदेश की पालना करते हुए तुरंत दोनों पर्वतों को संरक्षित करें। अन्यथा 13 मार्च को साधु संतों का क्रमिक अनशन प्रारंभ होगा और यदि फिर भी इन दोनों पर्वतों पर खनन कार्य नहीं रुका तो 25 मार्च से बड़ी संख्या में साधु-संत व ब्रजवासी भरतपुर अथवा जयपुर में आमरण अनशन करने के लिए मजबूर होंगे ।
बाबा ने बताया कि यात्रा के दौरान सभी पदयात्रियों व साधु संत रास्ते मे दोनों पर्वतों पर भीषण खनन कर पत्थर ले जा रहै असंख्य भारी वाहनों को देखकर अत्यंत दुखी हुए क्योकि उन्होंने जितने भी डंपर, ट्रक दिखे, सभी क्षमता से दोगुना ज्यादा माल लेकर जा रहे थे। साधु संतों द्वारा इस संबंध में प्रशासन को सूचना देने के बावजूद भी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई । इस पर यात्रा के केदारनाथ धाम पहुंचने पर आदिबद्री के महंत शिवराम दास ने जिला पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार का गैर कानूनी कार्य भरतपुर का जिला प्रशासन स्वयं अपनी देखरेख में करा रहा है जिसके पुख्ता प्रमाण हमारे प्रतिनिधियों के पास है व इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी दे दी गई है लेकिन खेद का विषय है कि खनन माफियाओं के दबाव के चलते यहां बेरोकटोक खनन पत्थर लिए ओवरलोडेड वाहनों का परिवहन बदस्तूर जारी है। भगवान केदारनाथ के मंदिर पहुंचकर सभी पदयात्रियों व साधु संतो ने ब्रज के पर्यावरण व पर्वतों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व त्याग करने का संकल्प लिया। संरक्षण समिति के संयोजक राधाकांत शास्त्री ने केदारनाथ में आयोजित सभा में कहा कि यह धर्म युद्ध है और हमारे साथ धर्म है इसलिए हमारी विजय निश्चित है । हमें धैर्य पूर्वक अपने आंदोलन को आगे बढ़ाते रहना होगा । इस अवसर पर सैकड़ों ब्रजवासियों, साधु-संतों व कृष्ण भक्तों के अलावा प्रमुख रूप से हरिबोल बाबा, मुकेश शर्मा, भूरा बाबा, चन्नी भगत, दीनदयाल दास, हरिदास बाबा, गौरांग दास, रविदास, नारायण दास, सौदान सिंह, रघुवर, गिरिराज सिंह आदि मोजूद थे ।