कर्नाटक में जैन साधु के अपहरण के बाद निर्मम हत्या को लेकर जैन समाज में भारी आक्रोश
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ कमलेश जैन) कर्नाटक के चिकोड़ी से आचार्य काम कुमार नंदी महाराज का 5 जुलाई को अपरहण कर उन्हें अज्ञात स्थान ले गए और उनकी निर्मम हत्या टुकड़ों में की गई। जैन साधु अहिंसा के सबसे बड़े भारत में प्रचारक हैं ।जो देशभर में घूमते फिरते हुए और चातुर्मास के दौरान भी अहिंसा का प्रचार प्रसार करते हैं। किंतु बुधवार को कर्नाटक के चिकोड़ी से लापता हुए जैन आचार्य काम कुमार नंदी महाराज को भी अहिंसा के प्रचार में हिंसा का शिकार होना पड़ा आचार्य काम कुमार नंद जी बुधवार को लापता हुए तो गुरुवार को चिकोड़ी जैन समाज में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई उसके पश्चात जांच-पड़ताल हुई और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया तो उन्होंने आचार्य की निर्मम हत्या की बात कबूली और उनके शव के टुकड़े कर फेंकने की बात बताई समाज बंधुओं को इस घटना की जानकारी मिली तो संपूर्ण भारत के जैन समाज में यह खबर आग की तरह फैल गई और समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया।
लक्ष्मणगढ़ जैन समाज के सुमेर चंद जैन एवं नवयुवक मंडल के अध्यक्ष धीरज कुमार जैन ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर मांग की है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने एवं आरोपियों ने किन मंसूबे को ध्यान में रखकर आचार्य की हत्या की है। उसका खुलासा किया जाए और समाज को बताया जाए आरोपी कौन है इसका खुलासा किया जाए और जांच निष्पक्ष किए जाने की पत्र में मांग की है उन्होंने बताया कि यह केवल जैन आचार्य की हत्या ही नहीं बल्कि जैन समाज की आस्था पर कडा प्रहार है । जिसे समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा।
उन्होंने पत्र में बताया कि साधु की इस हत्या को लेकर देश की आस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है। हो ना हो यह सुनियोजित षड्यंत्र है जिसके चलते जैन समाज की आस्था को ठेस पहुंचाई जा सके जबकि भारत एक धर्म प्रधान देश है जब देश में धर्म के प्रचारक साधु संत ही सुरक्षित नहीं है तो समाज और आम लोगों की क्या दुर्दशा हो रही होगी यह घटना इस बात का खुलासा कर रही है। अगर कर्नाटक सरकार ने मामले पर गंभीरता नहीं दिखाई तो संपूर्ण देशभर का जैन समाज कर्नाटक सरकार को गंभीरता से लेगा। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी ने पूरे जैन समाज को स्तब्ध कर दिया है। जैन संतों के पद विहार और प्रवास में हो रही सुरक्षा सरकार की नैतिक जिम्मेदारी और जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर रही है।