कांग्रेस में नई कलह: पीसीसी चीफ डोटासरा व विधायक पारीक आपस में भिड़े
पारीक डोटासरा से बोले - आप सीमा में रहो, आपको शर्म आनी चाहिए'
सीकर (राजस्थान) राजस्थान की राजनीति में जहां एक तरफ अशोक गहलोत और सचिन पायलट की सुलह को लेकर चर्चा चल रही है वहीं इधर सीकर से कांग्रेस के दो नेताओं की नोकझोंक का मामला सामने आया है जहां जिले में कांग्रेस की एक बैठक में पीसीसी चीफ और वहां के स्थानीय विधायक की जमकर बहस हुई. जानकारी के मुताबिक सीकर में प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत की एक बैठक में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक राजेंद्र पारीक भिड़ गए इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे को जमकर खरी-खोटी सुनाई. बता दें कि सीकर के नवलगढ़ रोड़ पर पानी की निकासी को लेकर बैठक चल रही थी जहां डोटासरा ने पारीक पर सरकारी अधिकारियों का पक्ष लेने का आरोप लगाया और इसके बाद दोनों के बीच जुबानी जंग छिड़ गई. इसके बाद दोनों नेता करीब 10 मिनट तक एक दूसरे को बुरा-भला कहते रहे और डोटासरा ने पारीक को सीमा में रहने की हिदायत दी तो पारीक ने डोटासरा से कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए, बता दें कि सीकर कलेक्ट्रेट सभागार में सोमवार को प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत बजट घोषणाओं को लेकर एक बैठक ले रही थी जहां नवलगढ़ रोड पर जल निकासी का मुद्दा उठा जिसके बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने अधिकारियों से इसका जवाब मांगा और देखते ही देखते डोटासरा और पारीक आपस में भिड़ गए,
वहीं इस दौरान प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने दोनों का बीच-बचाव करने की कोशिश की लेकिन दोनों काफी देर तक बहस करते रहे. वहीं बहस के दौरान राजेंद्र पारीक ने डोटासरा से कहा कि आप लक्ष्मणगढ़ विधानसभा का ध्यान रखो. वहीं इस पर डोटासरा ने कहा कि मेरा घर सीकर में नवलगढ़ रोड पर है और मुझे पानी से परेशानी होती है. वहीं पारीक ने गुस्से में कहा कि आपको शर्म आनी चाहिए जिसके बाद डोटासरा ने जवाब दिया कि आप अपनी सीमा में रहो, आपने सीकर का ठेका नहीं ले रखा है. इसके बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे को चुप रहने को कहा.
अंर्तकलह कांग्रेस की असली पहचान- राजेंद्र राठौड़
वहीं सीकर के इस घटनाक्रम पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की गहलोत जी और पायलट जी के बीच सुलह कराने की कोशिश से पूर्व सीकर में मीटिंग में कांग्रेस नेताओं के बीच की कलह से साबित हो गया है कि कांग्रेस में अंतर्विरोध चरम पर है, इनके नेताओं को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने से मतलब है, ना कि जनता से जुड़े विकास के मुद्दों से. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने जिस प्रकार सार्वजनिक रूप से अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ विधायक एवं राजस्थान विधानसभा में सभापति राजेन्द्र पारीक के साथ दुव्यवहार किया है वो दुर्भाग्यपूर्ण है और कांग्रेस की पाठशाला में वरिष्ठ नेताओं का अपमान करना ही सिखाया जाता है. उन्होंने कहा कि पीसीसी अध्यक्ष को यह वहम नहीं होना चाहिए कि सरकार 4 महीने बाद जिंदा रहेंगी और वरिष्ठ विधायक राजेन्द्र पारीक को भी यह वहम नहीं होना चाहिए कि वो ही गहलोत जी के खास हैं.