हीरवाना गौशाला मंदिर में मंत्रोच्चारण के साथ हुई विभिन्न मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा, पूर्णाहुति के साथ चढ़ाया छप्पन भोग
मंगलवार रात्रि व बुधवार दिन में हुआ भव्य जागरण, दिन में चला विशाल भंडारा, श्रद्धा का उमड़ा सैलाब, धर्म की जड़ सदा ही हरी रहती है इसलिए धर्म कर्म अवश्य करें... लक्ष्मण दास महाराज
उदयपुरवाटी (झुञ्झुनु, राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) श्रीकृष्ण गौशाला हीरवाना में बामलास धाम के महंत बाबा लक्ष्मण दास महाराज के सानिध्य में चल रहे आठ दिवसीय धार्मिक कार्यक्रमों का मूर्ति स्थापना व भंडारे के साथ बुधवार देर शाम समापन किया गया। लक्ष्मण दास महाराज ने बताया कि मंगलवार रात्रि को सवाई सिंह गुढा, बाबूलाल गौड़, कैलाश योगी खटकड़ भजन पार्टी द्वारा भजनों की रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। नवनिर्मित गौशाला मंदिर में बुधवार सुबह पंडित अश्विनी शर्मा के सानिध्य में राधा कृष्ण, राम दरबार, शिव परिवार, विश्वकर्मा, बजरंगबली, गणेश और सरस्वती मैया की मूर्तियों की मंत्रोच्चारण के साथ प्राण प्रतिष्ठा की गई। मंदिर में पूर्णाहुति व महाआरती के पश्चात छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया। बुधवार दिन में गायक विकास शर्मा बालाजी म्यूजिकल ग्रुप मावण्डा खुर्द भजन पार्टी द्वारा भजनों की रंगारंग प्रस्तुतियां दी गई। कार्यक्रम के आयोजक विश्वनाथ शर्मा एवं उनकी धर्मपत्नी संतोष देवी गोरसिया परिवार द्वारा दिन में विशाल भंडारा किया गया जिसमें काफी श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। गोरसिया परिवार द्वारा गौ माता की विधि विधान से पूजा अर्चना कर गौमाता का आशीर्वाद लिया। महाराज ने बताया कि धर्म की जड़ हमेशा ही हरी रहती है। प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा किया गया धर्म और पुण्य कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है वह परमात्मा के दरबार में सर्वण अक्षरों में लिखा जाता है। उन्होंने कहा कि हमेशा गौ माता, संत महात्माओं और दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए। इस दौरान मनमोहन दास त्यागी नैमिषारण्य धाम उत्तर प्रदेश, शंकर दास वनखंडी धाम, संतोष दास हनुमानगढ़ी अयोध्या, संतोष नाथ कालीभर, कैलाश नाथ भोमिया मंदिर बड़की ढाणी, मोहनदास, समाजसेवी सुरेश मीणा किशोरपुरा, भवानी सिंह नेवरी, अध्यापक कैलाश चंद्र शहल, गौशाला अध्यक्ष शीशराम खटाणा, विक्रम सिंह शेखावत, आचार्य विपुल कृष्ण, कोषाध्यक्ष बनवारी लाल जांगिड़, सुशील कुमार शर्मा मंडावा, रामकरण गुरुजी, भावेश खटाणा, सज्जन पारीक, गिरधारी रावत, सहित काफी संख्या में महिला एवं पुरुष मौजूद रहे।