Rajasthan Budget 2022: ना तो सम्पूर्ण कर्जमाफी न ही कोई विशेष ऐलान, पुरानी योजनाओं को नये प्रारूप में रखकर किसानों के साथ किया जा रहा छलावा -भूतड़ा
आजीवन समर्पण निधि में 50 लाख से अधिक एकत्रित किये:-भूतड़ा
ब्यावर (भरतपुर,राजस्थान/ जीतेंद्र ठठेरा) भारतीय जनता पार्टी अजमेर देहात जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक देवीशंकर भूतड़ा ने कहा कि बजट से पूर्व गहलोत सरकार ने कृषि बजट को लेकर बड़ा ढिंढोहरा पीटा कि इस बजट में किसानों के लिये अलग से विशेष बजट होगा लेकिन खोदा पहाड़ निकली चुहिया जैसी बात हो गई।भूतड़ा ने कहा कि किसानों को उम्मीद थी चुनावी घोषणा पत्र के वायदे अनुसार इस बार सम्पूर्ण कर्जमाफी की घोषणा होंगी किन्तु न तो घोषणा न ही विशेष ऐलान।केवल पुरानी योजनाओं को नये प्रारूप में रखकर किसानों के साथ छलावा किया है।
भूतड़ा अजमेर देहात जिला की वर्चुवल बैठक को सम्बोधित कर रहे थे यह बैठक आजीवन समर्पण निधि, बुथ निर्मोन समिति के कार्य को पूर्ण करने की समीक्षा व गहलोत सरकार के लोक- लुभावना जो बजट लाकर आमजन को गुमराह किया जा रहा है उस की वास्तविकता आमजन को बताने हेतु रणनीति बनाने हेतु थी।भूतड़ा ने कहा कि जिस कोंग्रेस ने विधानसभा चुनाव में महंगाई कम करने की बात की थी आज उसी के राज में अधिक सबसे महंगी बिजली व सबसे अधिक वेट के कारण महंगा पेट्रोल-डीजल मिल रहा है लेकिन कोई उपाय नही किये।पिछले तीन बजटों में की घोषणाओं को मृत रूप नही दे पाई उसने फिर घोषणाओं का अंबार लगा दिया उस मे से अनेक केंद्र की योजनाओं को परिवर्तित नाम मे दिखाकर वाह-वाही लूट रही है इस वास्तविकता को आमजन के बीच मे ले जाना है।
जिला महामंत्री पवन जैन ने बताया कि बैठक में समर्पण निधि की समीक्षा में अभी तक 50 लाख से अधिक की राशि जिले में एकत्रित की गई है जो उत्साहवर्धक है बुथ समितियो के निर्मोन का कार्य जिले के 31 मंडलो में हार्डकॉफी में 80%पूर्ण हो गया है ओर प्रदेश के निर्देशानुसार डिजिटल ऐप में 50% कार्य पूर्ण कर लिया है जो सन्तोषजनक है।शेष कार्य को हर हाल में 5 मार्च तक करने हेतु वरिष्ठ पदाधिकारीयो को जिम्मेदारी दी गई है।उंन्होने बताया कि हर माह प्रधानमंत्री जी के मन की बात बुथ तक कार्यकर्ता सुने इस हेतु भी जिम्मेदारिया दी है।इसके जिला सयोंजक ओमप्रकाश पाराशर को बनाया है जो मण्डल तक सयोंजक बनाएंगे। इस बैठक में वीरेन्द्रसिंह कानावत, रायचंद बागड़ी, होनहार सिंह राठौड़, जीतमल प्रजापत, मेहन्द्र सिंह मझवेला, राजेन्द्र विनाइकिया, अनिल राठी, राजवीर भिचर सहित अनेक नेताओ ने विचार व सुझाव रखे।