लक्ष्मणगढ़ थाने में 4 वर्षों से सीआई पद पड़ा है रिक्त, आमजन में अपराधियों के हौसले बुलंद
लंबे समय से 20 पद रिक्त पड़े हैं । चौकी को संचालित किया जाए 5 का जाब्ता अतिरिक्त, जाप्ते के अभाव में अपराधी अपराध कर पुलिस पर बना जाते हैं सवालिया निशान
- बढ़ते अपराधों को देखते हुए आमजन और पुलिस के बीच बढ़ रहा है तनाव हो रहे बाजार बंद:--
- जाब्ते के अभाव में आमजन में अपराधियों के हौसले बुलंद:--
- जनप्रतिनिधि अधिकारियों की लापरवाही के चलते , लक्ष्मणगढ़ थाने में 25 पद लंबे समय से रिक्त कैसे रुके अपराध
- नफरी के अभाव में लक्ष्मणगढ़ की जनता व पुलिस नहीं सक्षम और सुरक्षित:--
- लक्ष्मणगढ़ थाने में नहीं नफरी अपराधी अपराध कर कर ले रहे हैं तफरी
लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान/ गिर्राज सौलंकी)
अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ उपखंड मुख्यालय स्थित लक्ष्मणगढ़ थाना जो कि जिले का बड़ा थाना माना जाता है । थाने के अंतर्गत लगभग 100 किलोमीटर का एरिया लगता है। जिसमें 97 गांव थाने के अंतर्गत लगते हैं। पर खास बात यह रही की लक्ष्मणगढ़ थाने में निरीक्षक का पद पिछले 4 वर्षो से रिक्त पड़ा है। और तो और 3 पद एएसआई, व 4 पद हेड कांस्टेबल और 12 पद कांस्टेबलों के रिक्त चले आ रहे हैं। ऐसे में जब लक्ष्मणगढ़ कस्बे की सुरक्षा की अगर बातचीत करें । कस्बे के लिए चौकी को संचालित किया जाए तो एक एएसआई व 4 कांस्टेबलों का जाब्ता अतिरिक्त चाहिए। वहीं इसी के साथ कस्बे में कई गर्ल्स कॉलेज, व बढ़ते महिला उत्पीड़न को देखते हुए महिला जाब्ता भी लगना बहुत जरूरी है। आज क्षेत्र के अंदर बढ़ते महिला उत्पीड़न गौ तस्करी चोरी ओ एल एक्स टटलू बाज वाहन चोरी एटीएम उखाड़ कर ले जाने जैसी अनेक वारदातों को अपराधी अंजाम देते चले आ रहे हैं। वारदातों का ग्राफ थाना क्षेत्र में दिन प्रतिदिन बढ़ता नजर आ रहा है अपराधों को ग्राफ बड़े तो क्यों ना पड़े क्योंकि जब लक्ष्मणगढ़ थाना पुलिस ही जब विकलांग हो तो कैसे अपराधों पर अंकुश लगे। विकलांग उच्च अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लापरवाही के कारण ही थाना विकलांग है। क्योंकि यहां के स्थानीय पत्रकारों ने जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम सहित पूर्व में रहे पुलिस अधीक्षकों को बार-बार अवगत कराते रहें और यहां के रहे जनप्रतिनिधि क्षेत्रीय विधायकों को भी बार-बार अवगत कराते हुए विषयों पर गंभीरता से बतलाई गई पर पता नहीं जनप्रतिनिधि और अधिकारी क्यों इन बातों पर गौर नहीं करते और यू सुना और यू निकाला जब अधिकारी और जनप्रतिनिधि यू सुने और यू निकाले तो चोर भी चोरी यू करें और यू निकल जाए और पुलिस हाथ मलते रह जाए क्या करें बेचारी विकलांग पुलिस जब उनके पास जाब्ता मौजूद नहीं और गांव लगे सौ दूरी भी सौ फिर यह पुलिस भी क्या करें। विकलांग को विकलांग ही होता है बैसाखी के सहारे चलना कितना कठिन होता है वह सब कुछ आमजन को नहीं पता आम जनता पुलिस के ऊपर चढ़ता ही दिखता है कई बार लक्ष्मणगढ़ पुलिस गच्चा भी खा चुकी है। एक बार हरसाना में पुलिस नाकामयाब हुई। दूसरा झालाटाला में पुलिस से रिवाल्वर छीनी गई थी। बड़ी वारदात होने पर पुलिस भी कई बार शिकार हो जाती है जब स्थानीय पुलिस थाना पुलिस खुद सक्षम और सुरक्षित नहीं तो आमजन को कैसे सुरक्षित कर पाएगी सोचने का विषय अब देखना यह है लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और यहां के उच्च अधिकारी कब तक इस थाने के लिए रिक्त पदों की भरो पाई करा पाते हैं या नहीं यह सत्य है जब पुलिस थाना सुदृढ़ होगा तभी लक्ष्मणगढ़ की सुरक्षा संभव है जय हिंद ।
जोहरी लाल मीणा (विधायक
राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा) का कहना है कि -राजस्थान पुलिस में पुलिस स्टाफ की कमी महसूस हो रही है जिसके चलते हमारे मुख्यमंत्री जी जल्द ही भर्तियां खोलकर जैसे ही नए कांस्टेबलों का स्टाफ का आना होगा वैसे ही हम शीघ्र अति शीघ्र लक्ष्मणगढ़ थाने में रिक्त पदों की की पूर्ति करवाएंगे।
अशोक चौहान (वृत पुलिस उपाधीक्षक लक्ष्मणगढ़) का कहना है कि राजस्थान सरकार में पुलिस स्टाफ की कमी तो है, ही रिक्त पदों की बात लक्ष्मणगढ़ थाने की ही नहीं अपितु सभी थानों पर ऐसा ही हाल है। हम जितना स्टाफ होता है उतने से ही अपना कार्य चला सकते हैं। अपराध के ग्राफ को घटाने पर पुरजोर कोशिश की जा रही है।
अजीत सिंह (थानाधिकारी लक्ष्मणगढ़) का कहना है कि अलवर जिला जब से दो भागों में बांटा है, भिवाड़ी में विभाजित हुआ है तब से ही स्टाफ की कमी महसूस होने लगी है। फिर भी जैसा जाब्ता जितना स्टाफ हमें दिया जा रहा है हम अपना कार्य चला रहे हैं ।बड़े बड़े अपराधियों पर हमने कार्रवाई की है,और करते रहेंगे।