शीतलहर ने जकड़ा, गलन भरी हवा ने जीना किया मुहाल, शाम ढलने के बाद ठंड हुई और तीखी
भीलवाडा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) वस्त्रनगरी में शनिवार को एक बार फिर शीतलहर ने लोगों को जकड़ लिया। ऐसे में नववर्ष की शुरुआत कड़ाके की सर्दी से हुई है। पहले बारिश, फिर कोहरा व अब शीतलहर ने लोगों को जकड़ लिया है। दिनभर सर्द हवा चलने से मौसम में गलन रही। इससे दिनभर लोगों की कंपकंपी छूटती रही। धूप भी बेअसर साबित हुई। जिससें वस्त्रनगरी के नागरिक सुबह शाम अलाव का सहारा लेने पर मजबूर हैं। एक सप्ताह से मौसम में लगातार परिवर्तन हो रहा है। इस कारण से लोगों की दिनचर्या पूरी तरह से बदल गई है। शहर सुबह के समय कोहरे के आगोश में है। दिन बढऩे के साथ ही शीतलहर चलने से कंपकंपी छूटती रही। घरों की छतों पर रखी टंकियों का पानी भी बर्फ की तरह ठंडा हो गया है। तेज सर्दी के कारण लोगों की दिनचर्या देरी से शुरू हो रही है। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए है। वाहन चालकों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। घरों व बाजारों में सर्दी से बचने के लिए अलाव ही सहारा बने हुए है। पोहा, कचौरी-समोसे, चाय की दुकानों पर भीड़ नजर आई।
गौरतलब है कि शुक्रवार को दोपहर 1 बजे आसमान में हल्की धूप निकलने से लोगों ने मौसम में कुछ सुधार की उम्मीद लगाई थी। लेकिन शनिवार को सुबह कोहरे के साथ चली ठंडी हवाओं ने लोगों की उम्मीद को धुंधला कर दिया। शीतलहर से गलन बढ़ गई और लोगों को घरों में भी ठिठुरन महसूस हुई। वहीं दिन भर चली ठंडी हवाओं के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर रहे। ठंड से बचने के लिए लोगों ने घरों में हीटर, अंगीठी आदि की मदद ली। वहीं बाहर भी ठंड से बचने के लिए लोगों ने अलाव का सहारा लिया।
- अलाव बने सहारा, सड़कों पर पसरा सन्नाटा
भीलवाड़ा शहर में सर्दी का असर बाजार पर देखा गया। ग्राहकों की कमी को देखते हुए दुकानदारों की रुचि भी अलाव तापने में ही ज्यादा रही। कोहरे और ठंड के कारण अब जहां लोग सुबह जरूरी काम होने पर भी घरों से निकल रहे हैं, तो वहीं पाला पड़ने के कारण सड़कों पर सन्नााटा पसरा रहता है, तो वही ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने ठंड के असर को कम करने के लिए मोटे अनाज का सेवन करना प्रारंभ कर दिया है, जिसमें लोग गेहूं के आटे की जगह मक्का के आटे का प्रयोग करते देखे जा रहे हैं।