हिम्मत व सुरक्षा ही कोविड-19 संक्रमण का बचाव- सीताराम गुप्ता
कोविड के भयं से मुक्त रहे क्यूकि भयं सबसे बडा पाप, लुपिन कार्मिको ने लगवाई कोविड वैक्सीन
भुसावर (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) सरकार द्वारा जिले के सरकारी अस्पताल एवं वैक्सीनेशन केन्द्रों पर कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए 18 से 45 साल की आयु के व्यक्तियों के पहली तथा 45 से अधिक आयु के व्यक्तियों पहली एवं द्वितीय कोविड वैक्सीनेशन हो रहा है,जिसमें लोग वैक्सीनेशन के लिए कोविड प्रोटोकाॅल की पालना करते हुए कोविड संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करा रहे है,जिसके तहत लुपिन कार्मिकों ने भी स्वयं के जीवन को बचाने के लिए कोविड वैक्सीन लगवाई और आमजन को वैक्सीनेशन के प्रति जागरूक किया। वही लुपिन के अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता ने कहा कि कोविड महामारी से बचने के लिए कोविड प्रोटोकाॅल एवं कोविड बचाव की गाइडलाईन की पालना करते हुए मास्क का उपयोग करे और हाथ की धुलाई के साथ-साथ सेनेटाइजर से हाथ की सफाई करे। जिससे स्वयं का तथा परिवार के सदस्य सहित अन्य व्यक्ति का जीवन सुरक्षित रहे सके। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण महामारी से मानव जीवन पर संकट छाया हुआ है,जिससे बचने के लिए हिम्मत व धैर्य से काम ले और भयं से मुक्त रहे। भयं ही सबसे बडा पाप है,जो भयं करता है,भंय से बचे और हिम्मत से काम लेकर घर के अन्दर सुरक्षित रहे। उन्होने कहा कि भारत सहित दुनियां के 100 से अधिक देश के लोग कोविड महामारी के संक्रमण से जुझ रहे है,तब हमे साल 1899 की महामारी तथा स्वामी विवेकानन्द जी की प्लेग मैनिफस्टों को याद करने का समय है। यह मैनिफस्टों हमे मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक रूप से समस्याओं से लडने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होने कहा कि प्लेग मैनिफस्टों में स्वामी विवेकानन्द कहते है कि भयं से मुक्त रहे,क्योकि भयं सबसे बडा पाप है। मन को हमेशा प्रसन्न रखो,मृत्यु तो अपरिहार्य है,उससे भयं कैसा,कायरों को मृत्यु का भयं सदैव द्रवित करती है। उन्होंने इस डर को दूर करने का आग्रह किया और कहा आओ हम इस झूठे भय को छोड़ दें और भगवान की असीम करुणा पर विश्वास रखें, अपनी कमर कस लें और सेवा कार्य के क्षेत्र में प्रवेश करेंण् हमें शुद्ध और स्वच्छ जीवन जीना चाहिएण् रोग, महामारी का डर,आदि ईश्वर की कृपा से विलुप्त हो जाएगा, स्वामी विवेकानंद ने कहा था, ष्घर और उसके परिसर, कमरे,कपड़ेए बिस्तर, नाली आदि को हमेशा स्वच्छ बनाए रखेंण् बासी, खराब भोजन न करें, इसके बजाय ताजा और पौष्टिक भोजन लें,कमजोर शरीर में बीमारी की आशंका अधिक होती है, महामारी की अवधि के दौरान क्रोध से और वासना से दूर रहें. भले ही आप गृहस्थ होंण् उन्होंने अफवाहों से न घबराने और ध्यान न देने को कहा। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव एवं महामारी को मददनेजर रख हमको स्वामी विवेकानन्द जी के विचार एवं कथन पर अमल करना चाहिए,उस समय आज भी भांित वैज्ञानिक एवं रोग विशेषज्ञ नही थे,जो आज है। हमको भय का त्याग कर कोविड प्रोटोकाॅल एवं गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए।