कोटकासिम में लग रहे जाम के कारण आम आदमी को हो रही भारी परेशानी
किसान आंदोलन के चलते बड़े वाहनों की रेलमपेल वहीं रोड पर खड़े ठेलो ने बनाए जाम के हालात
कोटकासिम (अलवर,राजस्थान/ संजय बागड़ी) अलवर जिले के कोटकासिम उपखंड का एक भाग तिजारा, किशनगढ़ व मुंडावर क्षेत्र से लगता है तो वहीं दूसरा हिस्सा हरियाणा राज्य से राज्यस्तरीय बॉर्डर बनाता है। अब तो उपखंड स्तर के कस्बे कोटकासिम को नगर पालिका का दर्जा भी देने की घोषणा हो चुकी है। लेकिन यहां के हालात बहुत खराब हैं। कस्बे के मुख्य मार्ग बीबीरानी रेवाड़ी सड़क मार्ग जो कस्बे के बीचों बीच से निकलता है काफी चौड़ा होने के बाद भी यहां जाम के हालात देखने को मिलते हैं। यहीं स्थित बस स्टैंड पर गाड़ियों को निकलने व प्रवेश करने में भी बड़ी परेशानी हो रही है। और किसी भी तरह की कोई बड़ी दुर्घटना होने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। अभी हाल ही में पिछले दिनों यहीं पर दो कारों में टक्कर हो गई थी जिसमे तीन जने घायल भी हो गए थे।
जाम लगने का मुख्य कारण सड़क पर दोनों तरफ खड़े फल,सब्जी व चाट के ठेल हैं
कस्बे में अंदर की संकरी गलियों में जाम के हालात समझ में आते हैं, लेकिन बीबीरानी रेवाड़ी मुख्य सड़क मार्ग काफी चौड़ा होने के बाद भी यहां आए दिन जाम लग जाता है। जाम का मुख्य कारण है सड़क के दोनों तरफ खड़े सब्जी, फल व चाट के ठेले। ये सब वही ठेले हैं जिनको पुलिस प्रशासन कई बार यहां से हटा चुका है। दूर भगाए गए मकोड़े की भांति फिर से चले आते हैं वापस अपनी जगह ये सब्जी, फल व चाट के ठेले
जैसे किसी मकोड़े को दूर भगा दिया जाए तो कुछ समय बाद वह वापस अपनी उसी जगह पर आ जाता है जहां से उसे हटाया गया थे। मुख्य रोड़ के दोनों तरफ खड़े ये ठेले भी उसी मकोड़े की तरह से वापस अपनी जगह पर आ जाते हैं। सभी प्रशासनिक अधिकारी इन ठेलो के सामने से रोज गुजरते हैं लेकिन उनको ये ठेले दिखाई नहीं देते।
आए दिन लग रहा जाम, आम जनता हो रही परेशान, इस ओर नहीं है जिम्मेदारों का ध्यान
इन फल,सब्जी व चाट के ठेलों के कारण आए दिन लगता रहता है जाम। जिसमे अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों सहित एम्बुलेंस जैसे वाहन भी फंस जाते हैं जिससे आमजन को काफी परेशानी होती है। लेकिन यह परेशानी प्रशासन के नुमाइंदों को दिखाई नहीं देती। क्योंकि इससे उन्हें क्या लेना देना? उन्हें तो इन ठेले वालो को हटाकर एक बार फिर से अपनी खाना पूर्ति कर लेनी है और इसके बाद ठेले वालो की सिघ्र वापसी भी जल्द ही हो जाएगी।आम जनता के इन सवालों का कोन देगा जवाब
जब ये ठेले वाले यहां से कई बार हटाए जा चुके तो ये वापस यहां फिर से कैसे लगने लग जाते हैं? कहीं इन ठेले वालों की प्रशासन से सांठ गांठ तो नहीं है? क्या प्रशासन इन ठेले वालो के सामने बोना हो गया है? यदि इस जाम में फंसकर उपखंड स्तर पर सीएचसी आ रही एम्बुलेंस में किसी प्रसूता के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसका जिम्मेदार कोन होगा? उस प्रसूता के पीछे छूटे बच्चो की परवरिश की जिम्मेदारी किसकी होगी?