पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर कर्मचारियों ने किया आन्दोलन
पीड़ित कर्मचारियों की एक ही माँग, एक ही मुद्दा- पुरानी पेंशन व्यवस्था हो बहाल
सिरोही (राजस्थान/ रमेश सुथार ) पुरानी पैंशन बहाल करने की मांग को लेकर सिरोही जिला कलेक्टर कार्यालय पर विशाल प्रदर्शन करके सिरोही उपखण्ड अधिकारी रमेशचन्द्र बहेडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपा ।नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन राष्ट्रव्यापी आन्दोलन के प्रदेश सचिव मनोज नालिया ने बताया कि केंद्रीय व प्रांतीय आह्वान पर 22 दिसम्बर 2003 को न्यू पेंशन स्कीम की अधिसूचना जारी होने व 1 जनवरी 2004 को इसके लागू होने के विरोध में प्रदेशभर के हज़ारों एनपीएस पीड़ित कर्मचारियों ने जिला व उपखण्ड मुख्यालयों पर अंशदायी पेंशन योजना (एनपीएस) की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रकट कर पुरानी पेंशन बहाली तक चलने वाले संघर्ष का आगाज किया। इसी क्रम में सिरोही जिला कलेक्ट्रेट के सामने भी जिले के सैकड़ों एनपीएस पीड़ित कर्मचारियों ने हल्ला बोल आन्दोलन किया। जिसमें जिला टीम के पदाधिकारी भी शामिल थे।
जिला संरक्षक राव गोपालसिंह पोसालिया के अनुसार नवीन पेंशन योजना के नाम पर कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा खत्म किया जा रहा है, उनसे उनका बुनियादी हक छीना जा रहा है। वंही दूसरी तरफ विधायकों, सांसदों के वेतन, भत्ते लगातार बढ़ते जा रहे हैं, उन्हें आज भी पेंशन देय है। फिर कर्मचारियों को इससे वंचित क्यों किया जा रहा है?
जिला सरंक्षक डॉ. उदय सिंह डिंगार ने आह्वान करते हुए कहा कि पुरानी पेंशन बहाली तक प्रदेशभर के समस्त एनपीएस पीड़ित कर्मचारी एकजुट होकर समय-समय पर वर्तमान सरकार के सामने अपनी वाजिब माँग रखेंगे और ज्ञापन, रैली व धरना प्रदर्शन आदि द्वारा आंदोलन के माध्यम से कर्मचारियों में व्याप्त आक्रोश को राज्य व केंद्र सरकार तक पहुंचाने का प्रयास करेंगें। जिला समन्वयक जीवतदान चारण व जिला मंत्री डॉ. राजेश कुमार, तोलाराम फाचरिया ने भी अपने विचार रखें।
डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जनवरी 2004 से राज्य कर्मचारियों के लिए लागू नवीन पेंशन स्कीम शेयर बाजार आधारित होने के कारण सुरक्षित निवेश की गारंटी नहीं देती है और कर्मचारियों के वेतन से काटी गई बहुत बड़ी राशि सरकार विभिन्न प्रकार की कंपनियों में निवेश कर रही है लेकिन कर्मचारियों को सेवा के दौरान और सेवा के बाद अपनी कटौती की वापसी सुरक्षित नहीं है, यह कर्मचारियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा है और देश का बहुत बड़ा घोटाला साबित होगा और राज्य कर्मचारियों के लिए नासूर बनता जा रहा है। 60 वर्ष की उम्र तक राजकीय सेवा में रहने के बावजूद बुढ़ापे की लाठी के रूप में पेंशन के नाम पर कुछ भी गारंटी सुदा नहीं है जो हमारे साथ एक छलावा साबित होगा।
जिला समन्वयक जीवतदान चारण ने कहा कि इस आंदोलन में दुगुने जोश, ताकत के साथ संघर्ष के मैदान में डटना है क्योंकि संघर्ष कभी निष्फल नहीं जाता है और उसका परिणाम हमें देर सवेर अवश्य मिलेगा। तोलाराम फाचरिया ने कहा कि सभी एनपीएस पीड़ित कर्मचारियों की ताक़त व संघर्ष के बल पर नवीन पेंशन को भारत छोड़ना पड़ेगा, असंभव कुछ भी नहीं है केवल आवश्यकता है सतत संघर्ष, त्याग और बलिदान की। इस कार्यक्रम में राजस्थान के सभी कर्मचारी संगठन चाहे वो किसी भी विभाग व कैडर के हों, सभी का समर्थन हासिल है।
विदित है कि 2004 के बाद के समस्त राज्य कर्मचारियों को न्यू पेंशन स्कीम दी जा रही है जो शेयर मार्केट पर आधारित है, जो पीड़ित कर्मचारियों पर एक कुठाराघात है जिसके कारण कर्मचारियों व उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित नहीं हैं। जो कर्मचारियों के परिवार के साथ खिलवाड़ है। इससे कर्मचारियों में भय का माहौल है कि उनके जीवनभर की गाढ़ी कमाई बुढ़ापे में कंही हाथ से न निकल जाए? कलेक्ट्रेट के सामने हल्ला बोल आन्दोलन में जिला महामंत्री परेश कुमार गर्ग, जिला सहसंयोजक श्रीकांत चुलेट, जिला सहसमन्वयक संजय कुमार रैगर, जिला सहसचिव मुकेश पुरोहित, जिला प्रवक्ता केशव त्रिवेदी, जिला कोषाध्यक्ष इन्दरमल पुरोहित, सहकोषाध्यक्ष रुस्तम खान, चुन्नीलाल कडेला, प्रहलाद सिंह,दशरथसिंह राव , किशोराम चौधरी, प्रदीप गर्ग, रामावतार गुर्जर, बाबूलाल मीणा सहित सैकड़ों कर्मचारियों की उपस्थिति रही।