प्याज के भाव से किसान हुए मायूस, एक सप्ताह में 10 रुपए प्रति किलो तक गिरे दाम
खैरथल की अनाज मंडी में मध्यप्रदेश और नासिक की प्याज की आवक भारी
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) प्याज के भावों में गिरावट आने से किसान मायूस हो रहे हैं, वहीं व्यापारियों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा। जिसका मुख्य कारण मध्य प्रदेश व नासिक गुजरात का प्याज की आवक है। जिसकी क्वालिटी अच्छी होने के कारण उसको अधिक पसंद किया जाता है। स्थानीय प्याज की क्वालिटी अच्छी नहीं होने के कारण डिमांड कम हो गई है। जिससे प्याज के भाव निरंतर गिरते जा रहे हैं। पिछले एक सप्ताह में 8 से 10 रुपए प्रति किलो के भाव गिरे हैं।
पिछले माह 25 नवम्बर तक 30 रुपए प्रति किलो के भाव थे जो कि अब 18 से 20 रुपए प्रति किलो तक रह गए हैं। व्यापारी नरेश कुमार, बलबीर सैनी,राम लोकू मल एवं फल सब्जी व्यापार संघ अध्यक्ष दुर्गादास परवाना ने बताया कि आगे भी प्याज के भाव गिरने की संभावना है, तेजी की संभावना नहीं है।
वर्तमान में इंदौर,कोटा, नासिक, नीमच आदि क्षेत्रों से प्याज की आवक शुरू हो गई है।जिसकी वजह से स्थानीय प्याज की डिमांड कम हो गई है। इसके अलावा स्थानीय प्याज में जलेबी रोग व धोलिया रोग लगने के कारण क्वालिटी अच्छी नहीं है। जिसके कारण स्थानीय प्याज के भाव अच्छे नहीं मिल रहे हैं। दिल्ली व्यापारी मोहन लाल, अशोक कुमार ने बताया कि नीमच व नासिक की प्याज दिल्ली मंडी में 18 से 25 रुपए प्रति किलो बिक रहा है जबकि खैरथल व अलवर का प्याज 12 से 20 रुपए प्रति किलो थोक दर पर बिक रहा है। प्याज के भावों में स्थिरता रहने की संभावना है। इस बार किसानों को लागत के अनुसार घाटा हो रहा है। इसके अलावा प्याज का व्यापार करने वाले व्यापारियों को भी घाटा हो रहा है।
स्थानीय प्याज मंडी से खरीदकर बाहर की मंडियों में भेजने वाले व्यापारी भावनगर के किशोर व हरीश कुमार तथा कुरुक्षेत्र के राजवीर ने बताया कि प्याज की आवक अधिक व डामांड कम होने से बाहर मंडियों में भी प्याज के भाव नहीं मिल पा रहे है। अगले एक सप्ताह तक प्याज के भाव में तेजी की संभावना नहीं है, बरसात की संभावना को देखते हुए भाव में गिरावट की आंशका है। शुक्रवार को मंडी में करीब 17000 कट्टों की आवक हुई है।
कृषि उपज मंडी समिति सचिव सुरेन्द्र कुमार सैनी ने बताया कि एक से 30 नवंबर तक खैरथल प्याज मंडी में एक लाख 70 हजार कट्टों की आवक हुई जिनका औसतन भाव 18 से 20 रुपए प्रति किलो रहा।
जीएल मीणा सहायक कृषि निदेशक किशनगढ़ बास ने बताया कि स्थानीय प्याज की आवक अधिकतम 15 दिसंबर तक होगी। प्याज का मुख्य उत्पादन 30 नवंबर तक होता है।इस समय 15 से 20 प्रतिशत प्याज की फसल बची हुई है। प्याज की वजह से गेहूं की भी लेट बिजाई होती है। जिससे गेंहू का उत्पादन कम होता है।