ट्रक में लगी आग से हुई चार बच्चो की मौत से दादी बेसुध
चौमा (रामगढ़, अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) गांव में ट्रक में लगी आग से 4 बच्चों की हुई मौत के बाद मृतक बच्चों के घरों में मातम छाया हुआ है। दो सगे भाइयों के तीन बेटों की मौत से बच्चों की दादी बेवा फाता रो रोकर बार बार बेसुध (बेहोश) हो रही है।
जिसे परिवार की महिलाओं सांत्वना देती हैं। लेकिन जैस ही दादी फाता को होश आता है तो उसके मुख से केवल यही शब्द निकलते हैं कि (खुदा बाडकन के ना लेतो मोय ले लेतो) बच्चो के बदले खुदा मेरी जान ले लेता। मैने पहले अपना आदमी खोया अब मासूम पोतों को खो दिया अब मैं जी कर क्या करें ऐसा कहते कहते फिर बेसुध हो जाती है। ऐसा ही हाल उसकी देवरानी असरी का है उसने भी इस हादसे में एक पोते को खोया है। इधर बच्चों की माताओं अस्तूना, रुकसीना, मकसूदन का भी रो रोकर बुरा हाल है।
कोरोना महामारी के चलते रिश्तेदारों को भी सूचित नहीं किया। लेकिन टीवी चैनल और समाचारों के द्वारा रिश्तेदारों को मालूम चला तो रिश्तेदारों के मोबाइल फोन भी चैन नहीं लेने दे रहे। परिवार के लोग जैसे ही पूरी जानकारी देते हैं आंखों से आंसूओं की नदियां बहने लगती हैं। ऐसे में उन्हें सहारा देने के लिए केवल आस पडौस में रहने वाले परिवारो के लोग ही ढांढस बंधा रहे हैं।
समाचारों के द्वारा जैसे ही विधायक साफिया जुबेर को मालूम चला उन्होने अपने प्रतिनिधि के रूप में पति जुबेर खान को भेजा और एसडीएम कैलाश शर्मा से सरकार से सहायता दिलाने की प्रक्रिया को अतिशीघ्र पूरा करने के फोन पर निर्देश दिए। इधर चौमा गांव पंहुच जुबेर खान ने परिवार के लोगों को सांत्वना दी और लोगों को कोविड 19 की गाइडलाइन पालना करने के बारे में भी समझाया|