गुटखा तंबाकू बीड़ी व्यापारी कर रहे हैं कालाबाजारी
खाद्य पदार्थों के दामों में आई तेजी ने भी बढ़ाई दिहाड़ी मजदूरों और कमजोर तबके के परिवारों की मुश्किलें
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) कोरोना के विश्वव्यापी संक्रमण की बढ़ती रफ्तार से जहां हर कोई त्रस्त है । प्रदेश सरकार जन पखवाड़े के माध्यम से संक्रमण की रफ्तार को थामने के प्रयास में जी जान से जुटी हुई है। वहीं दूसरी ओर कुछ व्यापारी गुटका तंबाकू और खाद्य पदार्थों की जमाखोरी और कालाबाजारी कर कोरोना संक्रमण से त्रस्त क्षेत्र की जनता का आर्थिक शोषण करने में लगे हुए हैं।
उप खंड में पान मसाला गुटखा तंबाकू बीड़ी और सिगरेट की बड़े दुकानदारों द्वारा जमाखोरी कर उन्हें फुटकर दुकानदारों को महंगे दामों में बेचा जा रहा है ।कस्बे में तानसेन का बंडल जो पहले 215 रुपये का बिक रहा था वह अब 250 रुपये का, 502 बीड़ी का पुडा 315 रुपये के स्थान पर अब450 रुपये का बिक रहा है। इसी प्रकार अन्य गुटके और खाने वाली तम्बाकू के पैकिट भी डेड गुने दामो पर बेचे जा रहे है।फुटकर किराना व्यापारीयो का कहना है कि सरकार द्धारा लगाए गए लॉक डाउन और जनअनुशासन पखवाड़े के दौरान थोक व्यापारीयो ने दालों ,चीनी ,आटा, तेल ,रिफाइंड के दाम बड़ा दिए है।
जिन्हें फुटकर दुकानदार अपना मुनाफा जोड़ कर लोगो को महंगा बेच रहे हैं। जिसका सीधा असर आम उपभोक्ता की जेब पर पड़ रहा है । ऐसे में जब पिछले एक माह से लॉकडाउन और उसके बाद जन अनुशासन पखवाड़े के चलते दिहाड़ी मजदूर फुटपाथीं दुकानदार चाट पकौड़ी कचौड़ी समोसे बेचकर रोजाना कमा कर अपने परिवार का पेट भरने वाले परिवारों का रोजगार बन्द पड़ा है । रोजगार बंद होने के कारण वह लोग जैसे तैसे इधर उधर से उधार सामान लाकर अपने परिवार की दो जून की रोटी का जुगाड़ कर रहे हैं ।उस पर खाद पदार्थों के दामों में आई तेजी ने उनके समक्ष अब नया संकट खड़ा कर दिया है।