जीना वहीं जो जी भरकर जीया जाए- मुनि सम्बोध मेधांस
शाहपुरा (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बृजेश शर्मा) निकटवर्ती रा.उ.मा विद्यालय ढीकोला में जीवन विज्ञान कार्यक्रम व राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में वर्सेटाइल पर्सनेलिटी डबलप्मेंट विद साइंस ऑफ लिविंग कार्यक्रम में विद्यार्थीयों को सम्बोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि सुरेश कुमार हरनावां के सहव्रती मुनि सम्बोध कुमार मेधांश ने कहा की आज ही आने वाले कल का सृजन करता है। हमारी शिक्षा बुरी नहीं बल्कि अधूरी है। उन्होंने स्वान्स लेने की कला सिखाते हुए कहा- शिक्षा के दौर में सब कुछ हो रहा है । मगर इंसान सही मायने में इंसान नहीं होता। जीवन विज्ञान स्वास लेने का सही तरीका सीखाता है। जीना वहीं जो जी भर कर जीया जाएं। आप सपनो के पिछे भागते है या सपने आपके पिछे यहां से यह सोचना शुरू करे। संकल्प सपनों को सच होने की कुव्वत देते हैं। साथ ही मुनिप्रवर ने विधार्थीयों को स्मृति विकास, तनाव मुक्ति, हेडराइटिंग सुधार, सहित कई प्रयोग करवाएं | हंसते-हंसाले प्रयोग करते हुए विद्यार्थीयों ने कहा- ऐसा पहली बार हुआ कि हम एक सेकेंड के लिए भी बोर नहीं हुए। मुनि मेघांश ने कहा की माता-पिता से कभी खीझ नही हो, इस दौर में जब अखबार रोज अस्पतालों कचरे के ढेर और गंदे नालों में लावारिश बच्चों के मिलने की खबरों को सुर्ख़ियों बनाता है ये मे तब भी आपके माता पिता ने आपके साथ ऐसा नहीं किया। माता-पिता के उपकार इतने है कि उन्हें अपनी चमड़ी की चादर बनाकर भी ओढा दे तो भी हम ऋण से उऋण नहीं हो सकते। मुनिप्रवर ने विद्यार्थीयो को संकल्प का प्रयोग करवाते हुए अणुव्रत की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में विद्यालय प्रधानाध्यापक मुबारिक , शाहपुरा के पार्षद राजेश सोलंकी, राजेश खटीक, मुनिराम जाट, घीसूलाल खारीवाल, अनिल खारीवाल, प्रवीन मेहता सुशील जैन, पानदेवी, विमला देवी, पदमा देवी खारीवाल, लाड कोठारी उपस्थित थे ।