बिना परमिशन के हुई महापंचायत, सरकार के नुमाइंदो ने उडाई गाइड लाइन की धज्जियां
बयाना (भरतपुर, राजस्थान/ राजीव झालानी) बयाना उपखंड के गांव अगावली में शनिवार को हुई कथित महापंचायत में कोविड गाइड लाइन की खुलकर धज्जियां उडाई गई। वहीं सरकार के नुमांइदो ने ही सरकार के आदेशों को ठंेगा दिखाते हुए अपनी मनमानी की। यह कथित महापंचायत लोगों में विशेष चर्चा का विषय बनी हुई है और ग्रामीण इस आयोजन को लेकर तरह तरह की बातें करने लगे है। यह महापंचायत वहां एक क्रेशर यूनिट में कुछ दिनों पूर्व दम घूटने से दो युवकों की मौत व कथित खनन मजदूरों के हितों के नाम पर आयोजित की गई बताई। जिसमें स्थानीय ग्रामीणों व आसपास के लोगों के बजाय दूसरे विधानसभा क्षेत्रों से आए लोगों की संख्या ज्यादा थी और वहीं लोग आगे बैठकर बार बार नारेबाजी और आयोजकों के इशारे पर बार बार हाथ उठाकर उनकी बात का समर्थन करते रहे थे। जबकि सभा में मौजूद गिने चुने स्थानीय ग्रामीण मूकदर्शक बने यह तमाशा देखते रहे। उनकी समझ में यह नही आ रहा था कि यह लोग अपने क्षेत्र को छोडकर यहां राजनीती करने क्यों आ रहे है। कहीं ऐसा तो नही कि वह स्थानीय ग्रामीणों व कथित खनन मजदूरों और मृतकों की लाशों के नाम पर अपनी जेबें भरने की लडाई तो नही लड रहे। इस महापंचायत के आयोजन की ना तो पुलिस प्रशासन से स्वीकृती ली गई और ना ही कोविड गाइडलाइन के नियमों की पालना की जा सकी थी। इस पंचायत के आयोजक कुछ दिनों पूर्व उनके अपने क्षेत्र कस्बा उच्चैन में एक बर्खास्त पुलिसकर्मी की बेटी की शादी में उमडी भारी भीड के बीच मौजूदगी व उनकी उपस्थिती में 1.15 करोड का नगद दहेज दिए जाने वाली शादी को लेकर भी सूर्खियों में रहे है। अब देखना यह है कि आम आदमी पर कानून का डंडा चलाने वाले अधिकारी इस पंचायत के आयोजकों व कानून की धज्जियां उडाने वाले लोगों पर कानून का डंडा चलाते है या फिर निर्दोष और भोले भाले ग्रामीणों पर या फिर नेताजी के दबाब में अन्य किसी पर कानून का डंडा चलाते है। इधर अब आसपास के कई गांवो के ग्रामीण एक और महापंचायत का आयोजन करने पर विचार कर रहे है। जिसमें उनकी जिविका व धंधे रोजगार को लेकर चर्चा की जाएगी। वहीं भारतीय किसान यूनियन अम्बावता के राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्रसिंह कंसाना का कहना है कि दलबदलकर सत्ता में आए नदबई उच्चैन विधायक को अपनी मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए अपने ही क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के प्रयास करें तो उनके लिए व क्षेत्र की जनता के लिए ज्यादा अच्छा रहेगा। वह दूसरों के घर की चिंता करने के बजाए अपने घर की चिंता करे तो ज्यादा अच्छा रहेगा। उन्होंने नदबई विधायक के क्षेत्र में ही उनके चहेते व लाए गए अधिकारीयों की ओर से किए जा रहे भ्रष्टाचार व उनके ही क्षेत्र में नेशनल हाइवे पर होने वाली लूटखसोंट को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उन्हें जनता की चिंता है तो पहले भ्रष्टाचार की आड में हो रहे जनता के शोषण को रोकने का काम करें। उन्होंने विधायक अवाना पर उधोगपतियों व व्यापारीयों एवं अधिकारीयों पर दबाब बनाकर मंथली फिक्स करने के भी आरोप लगाते हुए गांधीवादी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भ्रष्टाचार की रोकथाम के प्रभावी उपाय किए जाने की मांग की है। किसान यूनियन नेता कंसाना ने बताया कि उन्हें अब चुप रहने के लिए झूठे मुकदमों में फंसाए जाने की भी धमकियां दी जा रही है और वह पूर्व में भी जनता के हित में आवाज उठाने वाले कई लोगों के विरूद्ध भी ऐसे झूठे मुकदमें लगवा चुके है।