हमारे बच्चे हमारी - जिम्मेदारी, बाल विवाह मुक्त हो समुदाय हमारी
भरतपुर,राजस्थान
डीग – (5 नबम्बर ) भरोसा कार्यक्रम की बाल सुरक्षा महिला वॉलंटियर्स और डीग थाना प्रभारी हवा सिंह के संयुक्त प्रयासो से गुरुवार को कस्बे की हरिजन बस्ती में बाल विवाह की रोकथाम और समुदाय को बाल विवाह मुक्त बनाने को लेकर विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के साथ एक मल्टी स्टेकहोल्डर्स बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम पाराशर, सदस्य मदन मोहन शर्मा, डीग थानाधिकारी हवा सिंह, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हेमलता, आशा कार्यकर्ता रेखा और ए एन एम, वार्ड मेंबर अनूप सहित बस्ती के अभिभावक, किशोर किशोरियां और बच्चे ने भाग लिया ।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाराम ने कहा कि बच्चो कि शिक्षा और उनकी सुरक्षा की सर्वप्रथम जिम्मेदारी अभिभावक कि होती है। लेकिन आज अभिभावक ही बच्चों को एक सुरक्षित माहौल प्रदान नहीं कर पा रहे है, बच्चो की पढ़ाई छुड़वाकर बच्चों की जल्दी शादियां कर देते है। लेकिन उन्हें यह समझना होगा को इससे उनके बच्चों का जीवन सुरक्षित नहीं होता बल्कि वह उनको एक बहुत बड़े ख़तरे में डाल रहे है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए क़ानून बना है, बाल विवाह करना सबसे बड़ा अपराध है, इसमें सिर्फ अभिभावक को ही नहीं बल्कि वे सभी अपराधी होते है जो इसे समर्थन करते है। उन सबके लिए सजा का प्राविधान है। आज हर दिन घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही है, आंकड़े बताते है कि कम उम्र में शादी से प्रसव के दौरान अधिकतम बच्चों की मृत्यु हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बच्चों कि शिक्षा और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए न जाने कितने सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध करा रखी है, न जाने कितने कमेटियां बना रखी है, किन्तु उसका लाभ लेने के लिए आपको भी चार कदम चलना होगा, हम सब आपके साथ है। जब आप चार क़दम चलोगे तभी हम आपके साथ दस कदम चलेंगे।
उन्होंने कहा कि जो बच्चे एकल अभिभावक है, अथवा अनाथ है उन बच्चों के लिए निशुल्क में रहने, पढ़ाई करने के लिए हमारे पास शेल्टर होम/हॉस्टल है, जहां उन्हें सभी सुविधाएं मिलती है। जहां अभिभावक समय समय पर आकर बच्चे से मिल सकते है। थानाधिकारी हवा सिंह ने बताया कि माता पिता/अभिभावक कानून से बचने के लिए छुपकर बच्चों की शादियां करते है, लेकिन अभिभावकों को यह समझना होगा कि बच्चों को शिक्षा से वंचित करके ओर उनकी जल्दी शादियां करके वह सबसे बड़ा अपराध करते है। लड़कियों की शादी 18 वर्ष और लड़के की शादी 21 वर्ष के बाद ही करनी चाहिए। आज कल बच्चियां अपने माता पिता से बात करने में डरती है, क्योंकि पैरेंट्स उन्हें वह स्पेस नहीं देते बात करने का। उन्हें बच्चो से ओपन होकर बात करने की जरूरत है, तभी बच्चे अपने मन की बात आपके साथ शेयर करेंगे। बाल विवाह के नाम पर अक्सर लड़कियों का व्यापार किया जाता है, यौन शोषण और बाल मजदूरी के लिए। बाल विवाह की रिपोर्ट कोई भी दर्ज करा सकता है, विवाह से पहले अथवा विवाह के बाद भी। उन्होंने इसके लिए हेल्प लाइन नंबर 1098 और 100 नंबर सबके साथ शेयर किया। बाल सुरक्षा वॉलंटियर्स तानिया ने बताया कि बस्ती में पैरेंट्स लड़कियों की शिक्षा पर ध्यान नहीं देते है। लड़कियां बीच में ही पढ़ाई छोड़ देती है। उनके लिए उन्होंने कौशल विकास योजना से जोड़ने के लिए बाल कल्याण समिति के समक्ष अपनी बात रखी।
हरिजन समुदाय के लोगो ने बताया कि बस्ती में एक स्कूल है और वह भी सिर्फ 5 वीं तक है, वहां केवल एकमात्र शिक्षक हेड मास्टर है। स्कूल मे शिक्षा का स्तर बहुत ही खराब है। जिसको संज्ञान में लेते हुए बाल कल्याण अधिकारी गंगाराम ने स्कूल का निरीक्षण किया और और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से बात कर स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता सही करने और स्कूल में हेल्प लाइन नंबर को डिस्प्ले करने का आदेश दिया। अंत में सभी स्टेकहोल्डर्स ने बाल सुरक्षा वॉलंटियर्स द्वारा हमारे बच्चे - हमारी जिम्मेदारी नामक किये गए दीवाल पेंटिग पर अपना हस्ताक्षर करते हुए बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करने और उन्हें उनका अधिकार सुनिश्चित कराने और अपने समुदाय को बाल विवाह मुक्त करने का संकल्प लिया। बैठक में उक्त सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ भरोसा बाल सुरक्षा वॉलंटियर्स तानिया, निकिता, बबीता, गीता, लवली सहित सभी महिलाएं उपस्थित रहीं।
- पदम जैन की रिपोर्ट