चारे पानी के अभाव में मर रहे गोवंशो को बचाने के लिए ग्रामीण ने उठाया बीड़ा
डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) भरतपुर सड़क मार्ग पर स्थित माढेरा की रून्ध में चारे पानी के अभाव में आये दिन भूख से दम तोड़ रही गायों के लिए गाँव कठेरा व घरवारी के ग्रामीणों ने अपने निजी स्तर एवं जन सहयोग से चारे की व्यवस्था की है । इसके अलावा समरसेबल डलवा कर पानी की भी व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा की जा रही है । रुंध के आसपास के गाँवों के किसानों का वन विभाग के अधिकारियों व प्रशासन पर आरोप लगाया है उनकी अनदेखी के फलस्वरूप माढेरा रुँध की चार दीवारी को अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ दिया गया है लेकिन इस ओर अभी तक किसी ने भी ध्यान नहीं दिया है जिसकी वजह से किसानों की फसलों को रुँध के जंगलों से निकल कर आवारा पशु नष्ट कर रहे हैं , जिसके चलते किसान अपनी वर्ष भर की फसल को बचाने के लिए कड़ाके की इस ठंड में खेतों पर रात गुजारने को मजबूर हैं , वहीं ग्रामीणों का कहना है कि माढेरा की रुँध में गाय भूखी प्यासी मर रही हैं इसलिए वह मजबूर होकर अपना पेट भरने के लिए खेतों की तरफ जाती हैं लेकिन ना तो वन विभाग ने ही गायों के लिए चारे पानी की कोई व्यवस्था की है और ना ही प्रशासन सुनवाई कर रहा है । ग्रामीणों ने वन विभाग व स्थानीय प्रतिनिधित्व सहित प्रशासनिक अनदेखी के चलते भूख - प्यास से त्रसित गौवंश की जान बचाने के लिए अपने स्तर पर ही जंगल में चारे पानी की व्यवस्था की है । ग्रामीणों ने जहाँ चारे के लिए कड़ब व सम्बरसेवल से पानी की व्यवस्था की है वहीं गायों के लिए पत्थर लगाकर लडामनी भी तैयार की हैं। जिससे उसमें गाय आराम से चारा खा सकें । गायों की सेवा के इस पुनीत कार्य में घरवारी गाँव से मन्दिर महंत श्री जानकी दास महाराज एवं कठेरा - घरवारी गाँवों के युवाओं सहित ग्रामीण बड़े उत्साह जुटे हुए हैं ।