शेखावत पद्मश्री सम्मान से सम्मानित, रावणा राजपूत समाज मे खुशी की लहर
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) पाली जिले के साहित्यकार 87 वर्षीय अर्जुन सिंह शेखावत को राष्ट्रपति भवन में देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया।
श्री अखिल रावणा राजपूत सेवा संस्थान राजस्थान के पूर्व प्रदेश विधि मंत्री अधिवक्ता पीरू सिंह गौड़ ने बताया कि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को अर्जुन सिंह शेखावत को राजस्थानी शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कार पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया है।गौड़ ने बताया की ये रावणा राजपूत समाज के लिए गर्व की बात है। इस अवसर पर रावणा राजपूत समाज के जोधड़ास स्थित हाइफा हीरो भवन पर समाज बंधुओं ने सर्व रावणा राजपूत सेवा सनातन जिलाध्यक्ष भँवर सिंह भाटी के नेतृत्व में समाजबंधुओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी है। उन्होंने बताया कि शेखावत को पद्मश्री सम्मान मिलने पर सम्पूर्ण देश मे निवासरत समाजबंधुओं में खुशी की लहर है।
अधिवक्ता गौड़ ने बताया कि अर्जुन सिंह शेखावत हाइफा हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत के पड़पोत्र है। जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपने शौर्य और वीरता के बल पर 12 घंटे में ही इजराइल के हाइफा शहर को आजाद करवाया।
उन्होंने ये भी बताया कि अर्जुन सिंह शेखावत भाखर रा भोमिया जैसी चर्चित किताब के लेखक है। शेखावत 40 से अधिक पुस्तकें लिख चुके है। इन पुस्तको का 20 से अधिक भाषाई अनुवाद, समीक्षा व संपादन किया है। 87 वर्ष की उम्र में भी वे 4 घंटे तक लगातार लिखते है।सरल जीवन जीते है। शेखावत साहित्य को गद्य व पद्य शिल्प की तरह ढालने लगे। राजस्थानी व हिंदी में एमए, बीएड व आरएमपी कर चुके शेखावत के आदिवासी संस्कृति के बारे में गहन शोध के बाद सरलतम शब्दो मे अभिव्यक्त किया है। आदिवासियों की जीवनशैली तथा उनकी संस्कृति पर राजस्थानी भाषा मे लिखी पुस्तक भाखर रा भोमिया, आड़ावाल अरडायो तो देशभर में खासी चर्चा में रही। भाखर रा भोमिया पुस्तक अंग्रेजी में "द ट्रायबल कल्चर ऑफ गरासिया" शीर्षक से भी प्रकाशित हो चुकी है। इस लेखन में उनको यूनेस्को पुरस्कार भी मिल चुका है।
शेखावत की इच्छा है कि मातृभाषा राजस्थानी को देश के संविधान में जोड़ा जाये। दिल्ली राष्ट्रपति भवन में सम्मानित होने के बाद दिल्ली में रावणा राजपूत समाज ने बहुत ही जोर शोर से अर्जुन सिंह शेखावत का स्वागत किया व उनके सम्मान में सम्मान समारोह रखा गया। इस दौरान हाइफा हीरो भवन पर समाजबंधुओं ने एक-दूसरे को बधाई दी। इस दौरान सर्व रावणा राजपूत सेवा संस्थान के संस्थापक रतन सिंह राणावत, कोषाध्यक्ष बाबू सिंह राणावत, राजेन्द्र सिंह शेखावत, लक्ष्मण सिंह पँवार, सोहन सिंह सोलंकी, प्रकाश सिंह राठौड़, जितेंद्र सिंह कानावत, उदय सिंह जोधडास सहित कई समाजबंधु मौजूद थे।