अणगासर रोड़ स्थित श्री अम्बे माताजी मंदिर का वार्षिकोत्सव धूमधाम से संपन्न
झुंझुनूं (राजस्थान/ सुमेरसिंह राव) झुंझुनूं जिले के अणगासर रोड़ स्थित श्री अम्बे माताजी मंदिर श्री मातुश्री शिवालय का वार्षिक उत्सव धूमधाम के साथ सम्पन हुआ। अम्बे नायक सेवा समिति के तत्वावधान में अम्बे माँ की पूजा अर्चना कर साधू-संतो का सम्मान कर प्रशादी का आयोजन विधि विधान के साथ किया गया। कार्यक्रम सयोंजक महेश बसावतिया ने बताया कि मंदिर संचालक चौथमल कांगड़ा के नेतृत्व में हर वर्ष मंदिर का वार्षिकोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है। संत सम्मेलन के बाद विश्व शांति जन कल्याण के लिए विद्वान पंडितो द्वारा मंदिर परिसर में माँ अम्बे के मंत्रोचारण कर हवन में आहुतियां दी गई। इस अवसर पर संत योगी चेतन दास मुकुंदगढ़ बाईपास, दादुद्वारा के अर्जुनदास महाराज महामंडलेश्वर, पकोड़ी की ढाणी के आकाशगिरी महाराज, रायमाता मंदिर ब्रह्मचारी गणेश चेतन्य महाराज,संत गणेश नाथ जी महाराज मुकुंदगढ़, संत प्रेमदास त्यागी संत बावलिया बाबा महाराज फतेहपुर, राजेश पुजारी रिजानी धाम गोरख टीला, कमरुद्दीन दरगाह के गद्दीनशीन एजाज नबी आदि ने मंदिर के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन विधा देवी के द्वारा किया गया। वक्ताओं ने कहा कि जीवन अनमोल है इसलिए मुह पर मास्क व दो गज की दूरी का ध्यान रखे इसके साथ राज्य सरकार की कोरोना गाइडलाइंस की पालना कर अपनी सूझबूझ से जीवन व्यतीत करे। सन्तो ने कहा कि धर्म के रास्ते पर चलने वाला इंसान ही जीवन के सच्चे आनंद को जीवन मे प्राप्त करता हैं। इस अवसर पर नायक सेवा समिति को सन्तों ने कहा इस प्रकार के आयोजन करना बहुत ही पूण्य का काम है। इस अवसर पर लक्ष्मी कांत पुरोहित,वार्ड पार्षद नवीन,राधेश्याम, दिनेश,राजू, कृपा शंकर बावलिया,किशनलाल नायक, आदि मौजूद रहे। मंदिर संचालक चौथमल कांगड़ा ने स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार ओम स्वामी को याद किया और कहा कि मंदिर की स्थापना से लेकर आज तक उन्होंने कंधे से कंधा मिलाकर मेरा साथ दिया पर वो आज हमारे बीच नही है। आज स्वर्गीय वरिष्ठ पत्रकार ओम स्वामी के पुत्र कृष्ण स्वामी जो उनके द्वारा दिये गए संस्कारो पर चलकर उनका नाम आगे बढ़ा रहे है इस अवसर पर कृष्णा स्वामी को शॉल ओढ़ाकर साफा पहनाकर उनका सम्मान किया गया और उनके अच्छे भविष्य की कामना भी की गई। गौरतलब है कि कृष्णा स्वामी एक दबंग और ईमानदार छवि रखने वाले व्यक्तित्व के धनी है। उन्होंने अपने पिता के काम को महत्वता देते हुए विदेश में लाखों रुपये का सालाना पैकेज को छोड़कर अपने पिता के नाम को बनाये रखने को प्राथमिकता दी है।