आलोचना करने से पुण्य होते है क्षीण- मुनि अतुल
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि रविन्द्र कुमार एव मुनि अतुल कुमार चातुर्मास की सम्पन्नता के पश्च्यात भीलवाड़ा की स्थानीय कॉलोनियों में विचरण करते हुए रात्रिकालीन प्रवचन की श्रंखलाओ में कांचीपुरम सोसाइटी में कंवर लाल झाबक के निवास स्थान पर पधारे । रात्रिकालीन प्रवचन के दौरान मुनि श्री अतुल कुमार ने कहा दुनिया मे शक्तिशाली की पूजा होती है और उसके लिए पुण्यो की आवश्यकता है । पुण्य के खजाने को बढ़ाने के लिए पांच सी का ध्यान रखना क्रमश क्रिटिसाइज से बचे, कम्पेयर से बचे, क्राइ ( रोने ) से बचे, कंप्लेंट से बचे व कॉम्प्लिमेंट देना सीखे ।
प्रवचन के दौरान दीपांशु झाबक और निष्ठा गांधी ने अपनी गितिकाओ से कार्यक्रम में समा बांध दिया ।
कार्यक्रम में तेयुप के पूर्व अध्यक्ष अमित महता, कंवर लाल झाबक, अशोक बुरड़, सुमीत झाबक, प्रिया झाबक, अनिल बाबेल, विनोद झाबक, प्रदीप आँचलिया, पिंकी आँचलिया, मोनिका रांका, पिंकी सिरोहिया, कमलेश सिरोहिया, प्रकाश चपलोत, सुधा चपलोत, दीपांशु झाबक, अशोक भलावत, आशा भलावत, नरेंद्र मेहता, मुदित झाबक, रिद्धिमा झाबक, प्रिंस भलावत, मुस्कान भलावत, निष्ठा गांधी, महक आँचलिया, लाला राम आदि उपस्थित थे ।