रात्रि 10 बजे के बाद तेज आवाज में डीजे चलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करते हुये 1 आरोपी को गिरफ्तार कर स्पीकर व डेक मशीनों को किया जब्त
ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) कानून-2000 के मुताबिक रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने पर पाबंदी है. हालांकि राज्य सरकार को यह अधिकार है कि वह कुछ शर्तों के साथ रात 12 बजे तक लाउडस्पीकर और डीजे बजाने की इजाजत दे सकती हैं लेकिन रात 12 बजे के बाद किसी को भी लाउडस्पीकर या डीजे बजाने की इजाजत नहीं है ऐसा करना गैर कानूनी और क्राइम है
महानिरीक्षक पुलिस भरतपुर रेंज भरतपुर श्री गौरव श्रीवास्ताव व जिला पुलिस अधीक्षक भरतपुर श्यामसिंह के निर्देशानुसार जिला भरतपुर में रात्रि 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर लगाकर तेज आवाज में गाने बजाने वालों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुये स्पीकर व डेक मशीनों को जब्त कर 1 आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
थाना मथुरागेट अंतर्गत लक्ष्मणसिंह हैड कानि. द्वारा गस्त के दौरान आएसी रोड लक्ष्मीनगर में लाउडस्पीकर लगाकर रात्रि 10 बजे के बाद तेज आवाज में गाने बजाते हुए पाये जाने पर आरोपी मनोज कुमार पुत्र राममूर्ति उम्र 42 साल निवासी गांधीनगर कस्वा सेवर को गिरफ्तार कर स्पीकर व डेक मशीन को जब्त किया गया। इस सम्बन्ध में थाने पर मु0नं0 149/23 धारा 4/6 राजस्थान ध्वनि प्रदूषण नियन्त्रण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) भी कह चुका है कि एक तय सीमा से तेज लाउडस्पीकर और डीजे बजाने की इजाजत नहीं दी जा सकती बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएँ तथा शिफ्ट में कार्य करने वाले कर्मचारियों को शोर-शराबे के कारण नॉइज़ डिस्टर्बेंस का खतरा होता है। शोर-प्रेरित जागरण कई शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनाव प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकता है क्योंकि नींद हार्मोनल विनियमन और हृदय संबंधी कामकाज के लिये आवश्यक होती है।