गौपालन भारतीय सनातन संस्कृति का है आधार- डॉ कौशल किशोर
गोपाष्टमी महोत्सव और गो सम्मेलन आयोजित
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) सिद्ध पीठ श्री लाल महाराज मंदिर ख़ोहरी में शुक्रवार को गोपाष्टमी , गोसेवा सम्मेलन एवं अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रमो का आयोजन सिद्ध पीठ पीठाधीश्वर डॉ स्वामी कौशल किशोर दास की अध्यक्षता में किया गया।
जिसमे प्रातः10 बजे सामूहिक रूप से गौ पूजन कर गो सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विद्वानों गौ सेवा के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर प्रवचन करते हुए स्वामी कौशल किशोर दास महाराज ने कहा कि गोपालन भारतीय सनातन संस्कृति का आधार है।
गोपाष्टमी की परंपरा अति प्राचीन है द्वापर युग में आज के ही दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोचरण लीला प्रारंभ की थी अर्थात गायों को चराना प्रारंभ कर गोपालक नाम सार्थक किया , भारत के इतिहास में सूर्यवंश और चंद्रवंश की परंपराएं बड़ी ही उज्जवल रही हैं। सूर्यवंशम में महाराज रघु -दिलीप- भगवान राम -सभी के सभी गौ सेवक हुए तथा चंद्रवंश में अवतरित होकर भगवान श्री कृष्ण ने भी नग्न पैर ही गोचारण किया और गोपालक बने, उपनिषद के ऋषि सत्यकाम जावाल ने भी गौ सेवा के माध्यम से ही ब्रह्म ज्ञान अर्जित किया । गो सम्मेलन के बाद अन्नकूट का भंडारा हुआ जिस में उपस्थित गौ भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस कार्यक्रम में जिला पंचायत समिति सदस्य सोबरन सिंह , जिला पंचायत समिति सदस्य जगत सिंह सुंदरावली , पंचायत समिति सदस्य भगवान सिंह यदुवंशी सोनगांव , पूर्व उपप्रधान भूपेंद्र सिंह थैरावर, ट्रस्टी मेघ श्याम शर्मा,दिनेश शर्मा, राकेश फौजदार,सुनील कुमार यादव,मुकेश खंडेलवाल, डॉ रौनक राज सिंह हापुड़, ठाकुर दास खैरागढ़, श्री रास बिहारी दास वृंदावन, केपी सिंह अयोध्या से, बृजेश सिंह , देवेंद्र सिंह , कमल सिंह आदि गणमान्य नागरिक मोजूद थे।